ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने सभी को चौंका दिया है। यहां एक डॉक्टर की दो पत्नियों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए ऐसा अनोखा समझौता हुआ है, जो शायद पहले कभी देखने या सुनने को नहीं मिला। इस समझौते के तहत डॉक्टर को दोनों पत्नियों के बीच “सप्ताह में दिन बांटकर” रहना होगा।
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को बागपत के शहर कोतवाली में डॉक्टर की दूसरी पत्नी अपनी शिकायत लेकर पहुंची। उसने पुलिस को बताया कि वह सात महीने की गर्भवती है, लेकिन उसका पति उसकी देखभाल नहीं कर रहा है। डॉक्टर अपनी पहली पत्नी के साथ ही अधिक समय बिताता है और दूसरी पत्नी की पूरी तरह अनदेखी करता है।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने डॉक्टर और उसकी पहली पत्नी को कोतवाली बुलाया। लेकिन जब दोनों पत्नियां आमने-सामने आईं, तो उनके बीच कहासुनी और झगड़ा शुरू हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को डॉक्टर को हवालात में डालने की चेतावनी देनी पड़ी।
कैसे हुआ विवाद का समाधान?
पुलिस की सख्ती और चेतावनी के बाद दोनों पत्नियां शांत हुईं और उन्होंने आपसी सहमति से विवाद को सुलझाने का फैसला किया। दोनों ने पुलिस के सामने यह लिखकर दिया कि वे अपने पति के साथ तीन-तीन दिन बिताएंगी।
समझौते के मुताबिक
सोमवार, मंगलवार और बुधवार को डॉक्टर अपनी पहली पत्नी के साथ रहेगा।
गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को डॉक्टर दूसरी पत्नी के साथ रहेगा।
रविवार को डॉक्टर अपनी मां के पास रहेगा।
इसके साथ ही यह भी तय किया गया कि दोनों पत्नियां सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के खिलाफ कोई पोस्ट नहीं करेंगी।
पुलिस की भूमिका और मामला सुलझने के बाद का माहौल
पुलिस ने इस मामले को सुलझाने में मध्यस्थता करते हुए यह सुनिश्चित किया कि तीनों पक्ष आपसी सहमति से विवाद को खत्म करें। समझौते के बाद दोनों पत्नियां शांतिपूर्ण ढंग से घर लौट गईं, और डॉक्टर को हवालात में डालने की नौबत नहीं आई।
न्याय या मजबूरी?
इस मामले ने समाज में रिश्तों और जिम्मेदारियों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह फैसला सही है, या फिर यह केवल एक अस्थायी समझौता है? यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन फिलहाल, बागपत के इस अनोखे मामले ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है।