अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर एक दुखद घटना सामने आई है। आज सुबह लगभग 3 बजे संगम नोज पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 17 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई और दर्जनों घायल हो गए। घायलों को तुरंत मेला क्षेत्र में स्थित केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस हृदयविदारक घटना के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने गहरा शोक व्यक्त किया और कहा, “घटना से हम दुखी हैं। हमने अपना जुलूस रोक रखा है।” परिषद ने मौनी अमावस्या के दिन होने वाले अमृत स्नान को रद्द करने का निर्णय लिया है, जबकि पहले से सभी अखाड़ों के स्नान की समय सारणी निर्धारित थी।
मेला प्रशासन ने अब तक 17 लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ के तुरंत बाद कई एंबुलेंस मृतकों के शवों को ले जाती नजर आईं। घटना के बाद संगम नोज पर अफरा-तफरी का माहौल था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात कर हादसे की जानकारी ली और घायलों के उपचार के लिए की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने श्रद्धालुओं को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।
मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम में स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं के आगमन की उम्मीद थी। भीड़ प्रबंधन के लिए व्यापक इंतजाम किए गए थे, लेकिन इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
इस घटना ने 2013 के कुंभ मेले की याद दिला दी, जब मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 36 लोगों की मौत हो गई थी। ऐसी घटनाएं भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की पुनः समीक्षा की आवश्यकता को दर्शाती हैं।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संयम बनाए रखें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें। साथ ही, भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान भीड़ नियंत्रण के लिए और अधिक प्रभावी उपाय करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।