अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का समर्थन मिल गया है। हालांकि, समाजवादी पार्टी (सपा) इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) का हिस्सा है, लेकिन इसके बावजूद उसने कांग्रेस को झटका देते हुए अरविंद केजरीवाल की पार्टी का साथ देने का फैसला किया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव 30 जनवरी को दिल्ली में ‘आप’ के लिए प्रचार भी करने वाले हैं।
बृजभूषण शरण सिंह का केजरीवाल पर तीखा हमला
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने केजरीवाल को ‘धूर्त’ करार देते हुए कहा कि अखिलेश यादव को उनका समर्थन नहीं करना चाहिए था। बृजभूषण सिंह ने दावा किया कि इस बार दिल्ली में बीजेपी मजबूती से चुनाव लड़ रही है और दिल्ली के नागरिक आम आदमी पार्टी की सरकार से अब तंग आ चुके हैं।
उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल ने 10 साल के शासन में सिर्फ झूठ और आरोप लगाने का काम किया है। दिल्ली में प्रदूषण, बेरोजगारी, सड़कें, बुनियादी ढांचा—इनमें से किसी भी मुद्दे पर उन्होंने ठोस काम नहीं किया। कोरोना महामारी के समय भी केजरीवाल सरकार का रवैया गैर-जिम्मेदाराना रहा।”
बृजभूषण सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने आज तक केजरीवाल जैसा “राजनीतिक फराडिया” (धोखेबाज) नहीं देखा।
यमुना जल विवाद: केजरीवाल को कोर्ट का नोटिस
हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी के पानी में “जहर” मिला दिया है, जिससे दिल्लीवासियों की सेहत को खतरा हो सकता है। इस बयान को लेकर बीजेपी नेताओं ने केजरीवाल की कड़ी आलोचना की।
बृजभूषण शरण सिंह ने इस मुद्दे पर कहा, “अगर केजरीवाल को लगता है कि यमुना का पानी जहरीला हो गया है, तो उन्होंने खुद क्या कदम उठाए? सिर्फ हरियाणा सरकार पर आरोप लगाने से समस्या हल नहीं होगी।”
इस मामले में अब कानूनी मोड़ भी आ गया है। हरियाणा के सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने सोनीपत की सीजेएम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। कोर्ट ने इस मामले में केजरीवाल को नोटिस जारी कर दिया है।
पीएम मोदी भी हुए हमलावर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए विपक्षी दलों और अन्य सरकारों पर आरोप लगा रही है।
पीएम मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा, “दिल्ली चुनाव में हार के डर से ‘आप-दा’ वाले हताश हो गए हैं।”
क्या सपा का समर्थन ‘आप’ को फायदा पहुंचाएगा?
समाजवादी पार्टी के समर्थन से आम आदमी पार्टी को कितनी मदद मिलेगी, यह देखने वाली बात होगी। हालांकि, सपा का दिल्ली में खास जनाधार नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी मतदाताओं के बीच उसकी पकड़ है। अगर सपा खुलकर ‘आप’ के लिए प्रचार करती है, तो यह कांग्रेस के लिए झटका साबित हो सकता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी, कांग्रेस और अन्य दल इस राजनीतिक समीकरण का जवाब कैसे देते हैं और दिल्ली विधानसभा चुनाव की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।