चुन्नीलाल प्रधान के साथ अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रयागराज। मंगलवार देर रात से मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर शुरू हुए शाही स्नान के दौरान अचानक भगदड़ मच गई, जिससे पूरे कुंभ मेले में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। भगदड़ के बाद घाटों और गलियों में श्रद्धालुओं के कपड़े, कंबल, जूते, बैग और अन्य सामान बिखरा पड़ा था। हर तरफ चीख-पुकार मची थी और लोग बदहवास इधर-उधर भागते नजर आ रहे थे।
अब तक हताहतों की सटीक संख्या को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 30-40 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वहीं, कुछ लोगों की मौत की भी आशंका जताई जा रही है। प्रशासन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और घायलों का इलाज किया जा रहा है।
कैसे मची भगदड़?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात करीब 2 बजे संगम तट पर स्नान के लिए बढ़ रही भीड़ अचानक बेकाबू हो गई। लोग बैरियर तोड़कर आगे बढ़ने लगे, जिससे पहले से स्नान कर रहे श्रद्धालु दब गए। चारों तरफ भगदड़ मच गई और लोगों को बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिला।
घटनास्थल पर मौजूद मध्य प्रदेश के छतरपुर से आए एक श्रद्धालु ने बताया, “हम घाट के किनारे बैठे थे कि अचानक पीछे से भीड़ का रेला आया। लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। वहां कोई पुलिसकर्मी नहीं था जो हमें संभाल सके। मेरी मां भीड़ में फंस गईं, और अब तक मुझे उनका कुछ पता नहीं चला है।”
घायलों का हाल, अस्पताल में अफरा-तफरी
भगदड़ के बाद घायलों को तुरंत कुंभ मेला क्षेत्र के अस्पतालों में ले जाया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अराइल के सब-सेंट्रल अस्पताल सेक्टर 24 में घायलों की लंबी कतार लगी हुई थी। कई श्रद्धालुओं को स्ट्रेचर पर अस्पताल लाया गया, उनके चेहरे पर डर और दर्द साफ झलक रहा था।
एक घायल महिला ने अस्पताल से समाचार एजेंसी को बताया, “हम प्रशासन से मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। सुरक्षाकर्मी बस देखते रहे, कुछ हंस भी रहे थे।”
अखाड़ों ने किया शाही स्नान रद्द
इस घटना के बाद सभी प्रमुख अखाड़ों ने मौनी अमावस्या का शाही स्नान रद्द कर दिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा, “जो कुछ हुआ, उसे देखते हुए हमने फैसला किया है कि इस बार मौनी अमावस्या का स्नान नहीं करेंगे। यह फैसला जनहित में लिया गया है।”
प्रशासन का क्या कहना है?
प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओएसडी आकांक्षा राणा ने कहा, “कुछ जगहों पर बैरियर टूटने की खबर मिली थी, जिससे भगदड़ की स्थिति बनी। हालात अब सामान्य हैं और घायलों का इलाज चल रहा है।”
वहीं, कुंभ मेला डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा कि पुलिस लगातार अपील कर रही थी कि श्रद्धालु संगम घाट पर भीड़ न बढ़ाएं और किसी भी घाट पर स्नान कर लें। उन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या का मुहूर्त मंगलवार रात 7:37 बजे से शुरू हुआ था और श्रद्धालुओं से रातभर घाटों पर न रुकने की अपील की गई थी।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
भगदड़ की घटना पर उत्तर प्रदेश की विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने दुख जताया और सरकार से राहत और बचाव कार्य तेज करने की मांग की। पार्टी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ से श्रद्धालुओं के हताहत होने की सूचना हृदयविदारक है। ईश्वर मृतकों की आत्मा को शांति दें और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
कुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस हादसे ने कुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन पहले ही अनुमान लगा चुका था कि मौनी अमावस्या के दिन 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच सकते हैं, इसके बावजूद इस तरह की भगदड़ का होना व्यवस्थाओं की कमी को दर्शाता है।
धार्मिक गुरुओं और प्रशासन ने पहले ही अपील की थी कि श्रद्धालु किसी भी घाट पर स्नान कर लें, लेकिन संगम स्नान को लेकर अधिक भीड़ उमड़ पड़ी। कई श्रद्धालुओं का कहना है कि पुलिस और प्रशासन को पहले से भीड़ नियंत्रण के लिए बेहतर प्रबंधन करना चाहिए था।
आगे क्या?
कुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू हुआ था और इसमें कुल छह शाही स्नान होने हैं। अब तक दो शाही स्नान हो चुके हैं। अगला स्नान 3 फरवरी को होगा। इस घटना के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि आगे ऐसी स्थिति न बने।
फिलहाल, घायलों के इलाज और लापता लोगों की तलाश जारी है। प्रशासन की ओर से जल्द ही इस हादसे पर विस्तृत रिपोर्ट जारी किए जाने की उम्मीद है।