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30 January 2025 12:23 pm

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जो गिरा वो उठा नहीं…महाकुंभ में मची भगदड़, 17 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत, कई घायल

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

महाकुंभ नगर: संगम नगरी में मंगलवार की रात तबाही लेकर आई। महाकुंभ में स्नान के लिए उमड़ी भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें अब तक 17 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि की गई है, जबकि मरने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक बताई जा रही है। हादसे में 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए महाकुंभ नगर के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अफवाह बनी भगदड़ का कारण, मची अफरा-तफरी

महाकुंभ के मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि एक अफवाह के कारण भगदड़ की स्थिति बनी, जिससे श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए और बड़ी संख्या में लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए गिर पड़े।

दर्दनाक हादसा रात करीब दो बजे संगम तट के पास हुआ। घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। जो श्रद्धालु गिर पड़े, वे खुद को संभाल नहीं सके और भीड़ के दबाव में उनकी जान चली गई।

अस्पताल में घायलों का इलाज जारी, एंबुलेंस का लगा तांता

घायलों को इलाज के लिए महाकुंभ नगर के केंद्रीय अस्पताल ले जाया गया, जहां कई लोगों को गंभीर हालत में भर्ती किया गया है। अस्पताल में लगातार एंबुलेंस आ-जा रही हैं और डॉक्टर राहत-बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। अस्पताल कर्मियों के अनुसार, कई शवों को अस्पताल लाया गया, जिन्हें जमीन पर लिटाया गया था।

कैसे हुआ हादसा?

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर मंगलवार सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा था। दोपहर तक स्थिति संभली हुई थी, लेकिन शाम होते-होते भीड़ नियंत्रण से बाहर होने लगी।

1. दोपहर में बैरिकेडिंग टूटी: कुछ श्रद्धालु बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने लगे, जिससे भीड़ अनियंत्रित हो गई।

2. रात में बढ़ी भीड़: जैसे-जैसे रात हुई, संगम तट पर श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच गई।

3. अखाड़ों की बैरिकेडिंग भी तोड़ी गई: श्रद्धालु जहां जगह मिल रही थी, वहीं से आगे बढ़ने लगे।

4. रात दो बजे स्थिति बेकाबू: संगम तट पर अधिक भीड़ जमा हो जाने के कारण श्रद्धालु धक्का-मुक्की करने लगे, जिससे अचानक भगदड़ मच गई।

जब भगदड़ मची, तो लोग इधर-उधर भागने लगे। जिसने भागने की कोशिश की, वह भी भीड़ के नीचे दब गया। मेला कंट्रोल रूम और पुलिस कंट्रोल रूम को जैसे ही हादसे की सूचना मिली, अफरा-तफरी मच गई।

रात में ही राहत कार्य शुरू कर दिया गया। पैरामिलिट्री फोर्स और एंबुलेंस को मौके पर रवाना किया गया। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन कई श्रद्धालुओं की जान नहीं बचाई जा सकी।

श्रद्धालुओं से की जा रही अपील

हादसे के बाद प्रशासन ने श्रद्धालुओं से संगम पर न आने की अपील की है। पूरे महाकुंभ क्षेत्र में लगे सैकड़ों माइक पर यह घोषणा की जा रही है कि लोग अन्य घाटों पर स्नान करें और भीड़ से बचें।

महाकुंभ मेला कंट्रोल रूम का हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी

श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महाकुंभ मेला कंट्रोल रूम का हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है। हालांकि, हादसे के बाद अब तक कोई विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी नहीं किया गया है।

बच्चों को कंधे पर बैठाकर चलें, धक्का-मुक्की न करें

श्रद्धालुओं को बार-बार सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। प्रशासन ने अपील की है कि बच्चों को कंधे पर बैठाकर चलें, एक-दूसरे को धक्का न दें और धीरे-धीरे आगे बढ़ें।

पांटून पुल नंबर 12 पर बढ़ी भीड़, श्रद्धालुओं को चेतावनी

पांटून पुल नंबर 12 पर अचानक भीड़ बढ़ने के कारण वहां खड़े श्रद्धालुओं को चेतावनी दी जा रही है कि वे समीप के घाटों पर स्नान करके अपने गंतव्य की ओर जाएं।

प्रशासन पर उठे सवाल

इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं।

भीड़ नियंत्रण के लिए पहले से पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए?

जब श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही थी, तो बैरिकेडिंग को मजबूत क्यों नहीं किया गया?

अफवाहों पर काबू पाने के लिए कोई ठोस रणनीति क्यों नहीं बनाई गई?

महाकुंभ में भगदड़ की यह घटना दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। श्रद्धालु जहां संगम में पुण्य स्नान के लिए आए थे, वहीं कुछ लोगों ने अपनी जान गंवा दी। प्रशासन राहत-बचाव कार्य में जुटा हुआ है, लेकिन यह हादसा सुरक्षा इंतजामों की पोल खोलता है।

श्रद्धालुओं से अपील है कि वे संयम बनाए रखें और प्रशासन की ओर से दिए गए निर्देशों का पालन करें।

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