Explore

Search
Close this search box.

Search

8 April 2025 2:40 pm

अंतरजातीय विवाह की सजा: ससुराल में बर्बरता, पुलिस बनी मूकदर्शक!

246 पाठकों ने अब तक पढा

संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट। अंतरजातीय विवाह करने वाली एक महिला को अपने फैसले की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। ससुराल वालों द्वारा उसे लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है, जिसमें गाली-गलौज, मारपीट और मानसिक उत्पीड़न जैसी घटनाएं शामिल हैं। खासकर, उसके बुआ सास और फूफा ससुर ने बेरहमी से उसके साथ मारपीट की, लेकिन पुलिस प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है और एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर रहा है।

प्रेम विवाह के बाद शुरू हुआ संघर्ष

सदर कोतवाली क्षेत्र के सीतापुर चौकी अंतर्गत चौगलिया बाजार निवासी इस महिला ने वर्ष 2013-14 में अनिल श्रीवास से प्रेम विवाह किया था। यह विवाह उस समय क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया था और लड़की के परिजनों ने इसे अपहरण करार देते हुए मु.अ.सं. 1011/2013 धारा 363, 366 के तहत मामला दर्ज कराया था। हालांकि, बाद में युवती ने न्यायालय में स्पष्ट रूप से बयान दिया कि वह अपनी मर्जी से अनिल श्रीवास के साथ गई थी, लेकिन फिर भी उसके पिता ने झूठा मुकदमा दर्ज करवाया था।

इस मामले ने तब और गंभीर रूप ले लिया जब 7 जनवरी 2014 को पीड़िता न्यायालय में बयान दर्ज कराने पहुंची, जहां उसके परिजनों ने उस पर हमला कर दिया। इस घटना में गंभीर हंगामा हुआ और पुलिस ने मु.अ.सं. 11/2014 के तहत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया, जिसमें धारा 147, 148, 323, 333, 364, 354, 353, 307 आईपीसी और 7 क्रिमिनल एक्ट शामिल था।

अब ससुराल में भी नहीं मिल रहा सुकून

किसी तरह अपने पति के साथ जीवन यापन कर रही इस महिला को अब अपने ससुराल में ही मानसिक और शारीरिक यातनाओं का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में 25 फरवरी 2025 को जब वह एक विवाह समारोह में गई थी, तब उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने उस पर हमला कर दिया।

पीड़िता ने बताया कि वह द्वारिका पुरी किंगसन स्कूल के पास स्थित श्याम श्रीवास के घर एक विवाह समारोह में गई थी। वहां पर श्याम श्रीवास की पत्नी श्रीपाल श्रीवास, राजा श्रीवास की पत्नी सुधीर, विजयलक्ष्मी (पत्नी सुरेश श्रीवास), ज्योति श्रीवास (पत्नी सुशील कुमार) और कुछ अज्ञात महिलाएं उससे झगड़ने लगीं। जब पीड़िता ने विरोध किया तो इन महिलाओं और उनके पतियों ने उसके साथ भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए मारपीट की।

जब पीड़िता ने डायल 112 पर पुलिस को बुलाया, तो पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपियों से पूछताछ की। लेकिन पीड़िता का कहना है कि पुलिस के सामने भी आरोपियों ने उसे गालियां दीं और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इसके बाद पुलिस मौके से चली गई और महिला को वहां अकेला छोड़ दिया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं।

पहले भी झेल चुकी है अमानवीय अत्याचार

यह पहली बार नहीं है जब पीड़िता के साथ अत्याचार हुआ हो। सितंबर 2016 में भी उसके साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ जैसी घिनौनी हरकतें की गई थीं। इस मामले में मु.अ.सं. 0795/2016 धारा 352, 376 और 511 के तहत आरोपी मुस्सू उर्फ़ कृष्णगोपाल सोनी, पप्पू उर्फ़ सुधीर और रामू के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।

पीड़िता के अनुसार, पप्पू उर्फ़ सुधीर ने अपनी दो नाली बंदूक के दम पर छेड़खानी की थी, लेकिन उसके नंदोई ने अपने रसूख का इस्तेमाल करके मामले को दबाने की कोशिश की।

क्या महिला सुरक्षा केवल कागज़ों तक सीमित है?

सरकार भले ही महिला हिंसा के खिलाफ सख्त कानून और नारी सुरक्षा अभियान चला रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। मिशन “नारी शक्ति” जैसे अभियानों के तहत महिलाओं और बालिकाओं को जागरूक करने की बातें की जा रही हैं, लेकिन जब वास्तविकता में महिलाओं को न्याय दिलाने की बारी आती है, तो पुलिस प्रशासन उदासीन बना रहता है।

कब मिलेगा पीड़िता को न्याय?

इस महिला की कहानी यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि क्या आज भी अंतरजातीय विवाह करने वाली महिलाओं को समाज में स्वीकार नहीं किया जाता?

अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि गाली-गलौज और बेरहमी से मारपीट करने वाले ससुराल पक्ष के खिलाफ पुलिस कब कार्रवाई करेगी?

आखिर कब तक यह पीड़िता थाना-कचहरी के चक्कर काटती रहेगी?

▶️हमारी खबरों से अपडेट रहें समाचार दर्पण24.कॉम के साथ बने रहें

samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

Leave a comment