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9 March 2025 5:21 am

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वंचित समाज के आरक्षण उप-वर्गीकरण के लिए संघर्ष तेज, अधिकार रथ यात्रा पहुंची नए जिले

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वल्लभ लखेश्री की रिपोर्ट

जब तक राजस्थान में वंचित समाज को उप-वर्गीकृत आरक्षण नहीं मिलेगा, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे” – विकास नरवाल

राजस्थान में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वंचित वर्ग को उप-वर्गीकृत आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर वंचित अधिकार मंच की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वंचित वर्ग अधिकार रथ यात्रा लगातार 52 दिनों से चल रही है। इस कड़ी में यात्रा आज 5 मार्च 2025 को अपने 29वें पड़ाव पर पहुंची, जहां वंचित समाज के सैकड़ों लोगों ने मंच के नेताओं का भव्य स्वागत किया।

उप-वर्गीकृत आरक्षण के लिए बिगुल फूंक चुका है वंचित समाज

वंचित अधिकार मंच का उद्देश्य राजस्थान के हर जिले, गांव और ढाणी तक पहुंचकर वंचित जातियों को उनका जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिलाना है। मंच का कहना है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति एक समान समुदाय नहीं हैं, बल्कि इनमें विभिन्न जातीय समूह शामिल हैं, जिनकी सामाजिक और आर्थिक स्थितियां अलग-अलग हैं। इसलिए, सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार राजस्थान में भी अन्य राज्यों की तरह उप-वर्गीकृत आरक्षण लागू किया जाना चाहिए।

नेताओं का जोश, समर्थकों का उत्साह

इस अवसर पर वंचित वर्ग आरक्षण उप-वर्गीकरण संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विकास नरवाल (कोटा), युथ प्रदेश अध्यक्ष धर्मचंद भील (अजमेर) और समग्र आरक्षण मंच के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप भील (जोधपुर) सहित कई अन्य नेता मौजूद रहे। फलोदी पहुंचने पर स्थानीय वंचित समाज के लोगों ने पलक पांवड़े बिछाकर स्वागत किया और वल्लभ लखेश्री द्वारा शक्ति का प्रतीक तलवार भेंट की गई।

शहर में रैली और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया

रथ यात्रा का शानदार स्वागत शिव शबरी भील बस्ती एयर फोर्स फलोदी में किया गया, जहां सैकड़ों लोगों ने इसमें भाग लिया। इसके बाद रथ यात्रा, डीजे, ढोल-नगाड़ों, चार पहिया और दो पहिया वाहनों के साथ शहर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए अंबेडकर सर्किल पहुंची, जहां बाबा साहब को माल्यार्पण किया गया। इसके पश्चात, जिला कलेक्टर कार्यालय में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

सुप्रीम कोर्ट का समर्थन, सरकार से जल्द कार्रवाई की मांग

वक्ताओं ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की पीठ ने 1 अगस्त 2024 को बहुमत से स्वीकार किया है कि SC/ST कोई एक समान समुदाय नहीं है, बल्कि इनमें जातीय विविधता है। इसके आधार पर, मंच ने सरकार से मांग की है कि 90 दिनों के भीतर एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर इस मांग को अमली जामा पहनाया जाए।

अगली रणनीति के संकेत, आंदोलन होगा तेज

नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार जल्द उप-वर्गीकृत आरक्षण लागू नहीं करती, तो वंचित समाज अपनी अगली रणनीति पर काम करेगा और आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

रैली में शामिल प्रमुख नेता और सामाजिक कार्यकर्ता

इस आंदोलन में भंवराराम सांसी, ऋतिक वाल्मीकि, देवाराम बावरी, बीरबल जोगी, बन्नाराम भील, मोहनराम फौजी, मंजीत ढोली, सोहनाराम लोहावट, मुलाराम लोहावट, एडवोकेट भूपेंद्र सुंडिया मोखेरी सहित कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता और नेता अपनी टीमों के साथ शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन अशोक भील लोहावट ने किया।

वंचित अधिकार मंच का यह आंदोलन राजस्थान में उप-वर्गीकृत आरक्षण को लागू करवाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले और अन्य राज्यों में इस नीति के लागू होने के बाद राजस्थान में भी इसे लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और क्या वंचित समाज को उनका हक मिलेगा या आंदोलन को और तेज करना पड़ेगा।

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