चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
लखनऊ। जनवरी 2025 लखनऊ के लिए असामान्य गर्मी लेकर आया है। 20 जनवरी को अधिकतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5.6 डिग्री अधिक है। वहीं, न्यूनतम तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 3.7 डिग्री ज्यादा है। यह स्थिति मौसम विज्ञानियों, किसानों और आम नागरिकों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
पिछले तीन साल का रिकॉर्ड टूटा
मौसम विभाग के अनुसार, जनवरी 2025 में तापमान ने पिछले तीन सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 2021 के बाद यह पहला मौका है जब जनवरी में इतना अधिक तापमान दर्ज किया गया है। तेज धूप और गर्म हवाओं के कारण 20 जनवरी को लोग पसीने से तरबतर हो गए, जो इस महीने के लिए बेहद असामान्य है।
किसानों की बढ़ी चिंता
जनवरी में आई इस गर्मी ने किसानों को परेशान कर दिया है। गेहूं और अन्य रबी फसलों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। किसान चिंतित हैं कि अगर यह स्थिति बनी रही, तो फसलों की वृद्धि रुक सकती है और उत्पादन में गिरावट आ सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों का विश्लेषण
मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हुई है। वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, तेज पछुआ हवाओं और कोहरे की कमी के चलते विकिरणीय ऊष्मन (रेडिएशन हीटिंग) बढ़ा है। इससे दिन का तापमान तेजी से बढ़ गया है।
धूप का तीखापन
20 जनवरी को सुबह 10 बजे से ही धूप तीखी होनी शुरू हो गई थी। दोपहर तक स्थिति यह हो गई कि लोगों को अपने गर्म कपड़े उतारने पड़े। गर्मी ने जनवरी की सामान्य ठंडक का अहसास ही खत्म कर दिया।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने बताया है कि 24 जनवरी से तापमान में गिरावट आ सकती है। हालांकि, कोल्ड डे जैसी स्थिति की संभावना नहीं है। अगले तीन-चार दिन तक गर्मी का यह दौर जारी रहेगा। तेज हवाएं और कोहरे में वृद्धि हो सकती है।
2023 की ठंड से तुलना
पिछले साल 2023 में 20 जनवरी को लखनऊ में “सीवियर कोल्ड डे” घोषित किया गया था। उस दिन अधिकतम तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस था। लोग कड़ाके की ठंड से परेशान थे, और सूरज की किरणें भी दिखाई नहीं दी थीं। कोहरे और शीत लहर के कारण लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए थे।
मौजूदा गर्मी का प्रभाव
1. फसलों पर असर: गेहूं और अन्य रबी फसलों की वृद्धि धीमी हो सकती है।
2. स्वास्थ्य पर प्रभाव: अचानक बढ़ी गर्मी से बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
3. जल संकट: तापमान में वृद्धि से जल स्रोतों पर दबाव बढ़ने की आशंका है।
चेतावनी और सलाह
मौसम विभाग ने नागरिकों और किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है। तापमान में गिरावट के संकेत दिए गए हैं, लेकिन फिलहाल कोल्ड डे की संभावना नहीं है। विशेषज्ञों ने किसानों को फसलों की देखभाल और जल संरक्षण पर ध्यान देने की अपील की है।
यह असामान्य स्थिति सभी के लिए चिंता का विषय है और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की ओर संकेत करती है।