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18 January 2025 6:27 am

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बंथरा थाना क्षेत्र में गरीब महिला के साथ धोखाधड़ी, फर्जी एग्रीमेंट बनाकर भेजा जेल

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के बंथरा थाना क्षेत्र में एक गरीब और अनपढ़ महिला के साथ जालसाजी कर उसके मकान पर कब्जा करने का मामला सामने आया है। पीड़ित महिला ने इस संबंध में पुलिस को लिखित शिकायत दी, लेकिन स्थानीय पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित महिला के परिवार के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया।

मामला क्या है?

बंथरा थाना क्षेत्र के ग्राम खटोला मंजरा, रतोली तिराहा, जैंती खेड़ा, बिजनौर रोड की रहने वाली पीड़ित महिला केलकी पत्नी रामदीन ने अपने नए मकान के निर्माण के बाद उसे किराए पर देने का फैसला किया था। इसके लिए उन्होंने मकान में किरायेदारों के लिए टॉयलेट आदि की सुविधाएं देने की योजना बनाई थी।

इसी दौरान डॉ. अरविंद सिंह पुत्र दयानंद (निवासी बुलंदशहर), उनके सहयोगी मानवेन्द्र सिंह (निवासी अमेठी) और विक्रम सिंह (निवासी वृंदावन योजना, लखनऊ) ने पीड़िता से संपर्क किया। इन लोगों ने खुद को ईमानदार और प्रतिष्ठित व्यक्ति बताते हुए महिला को 25,000 रुपये प्रति माह किराए पर मकान देने का प्रस्ताव दिया। इसके साथ ही उन्होंने 11 महीने का एग्रीमेंट तैयार किया, जिसमें हर साल 5% किराया बढ़ाने की शर्त भी रखी गई।

कैसे हुई धोखाधड़ी?

जब महिला ने उनके साथ एग्रीमेंट कर लिया और मकान किराए पर दे दिया, तो कुछ समय बाद किरायेदारों ने षड्यंत्रपूर्वक महिला के अनपढ़ होने का फायदा उठाया।

महिला और उसके नशेड़ी बेटे शिवकुमार को बहला-फुसलाकर और लालच देकर ये लोग उन्हें सरोजिनी नगर तहसील ले गए।

वहां पर फर्जी तरीके से 10 साल के लिए रजिस्टर्ड एग्रीमेंट तैयार कराया गया।

इस एग्रीमेंट में किराया सिर्फ 5000 रुपये प्रति माह दर्शाया गया।

महिला से अंगूठे का निशान लगवाकर इस दस्तावेज को वैध बना दिया गया।

पीड़िता को इस धोखाधड़ी की जानकारी तब मिली जब उसने अपने दस्तावेजों को अन्य लोगों को दिखाया।

पुलिस ने पीड़िता को न्याय देने के बजाय भेज दिया जेल

जब पीड़िता को इस फर्जीवाड़े का पता चला, तो उसने 12 जनवरी 2025 को बंथरा थाना पुलिस को लिखित तहरीर दी। लेकिन पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उल्टा पीड़िता के बच्चों पर ही धारा 151 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया।

बंथरा थाना पुलिस के हल्का इंचार्ज हरेंद्र सिंह यादव पर आरोप है कि उन्होंने डॉ. अरविंद और उनके साथियों से मिलीभगत कर पीड़ित परिवार को दबाने की कोशिश की।

पीड़ित परिवार की न्याय की गुहार

पीड़ित परिवार के पास दोनों एग्रीमेंट की लिखित कॉपी और ठोस सबूत मौजूद हैं, लेकिन पुलिस ने चालान पेश करते समय इन दस्तावेजों को क्षेत्राधिकारी कृष्णा नगर के समक्ष पेश नहीं किया। यह दर्शाता है कि यह पूरी कार्रवाई एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत की गई।

अब पीड़िता 18 जनवरी 2025 को उपजिलाधिकारी सरोजिनी नगर के समक्ष पेश होकर न्याय की गुहार लगाएगी। इसके बाद वह जिलाधिकारी लखनऊ के पास भी लिखित शिकायत दर्ज कराकर उचित कार्रवाई की मांग करेगी।

बंथरा पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवाल

बंथरा थाना क्षेत्र में हल्का इंचार्ज हरेंद्र सिंह यादव के खिलाफ लोगों की लगातार शिकायतें दर्ज हो रही हैं। स्थानीय लोगों के पास वीडियो और अन्य सबूत भी मौजूद हैं, लेकिन इसके बावजूद पुलिस की कार्यशैली पर कोई सवाल नहीं उठाया जा रहा।

क्या गरीब और अनपढ़ होना गुनाह है? क्या न्याय केवल रसूखदार और पैसे वालों के लिए है? पीड़ित महिला के साथ हुई इस धोखाधड़ी का इंसाफ कब मिलेगा?

इन सवालों के जवाब जनता चाहती है और प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वह जल्द से जल्द इस मामले में निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई करे।

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