कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता मनोज सिंह की मुश्किलें दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में एक विवादित मामले में उनका नाम सामने आने के बाद उनकी सरकारी सुरक्षा हटा दी गई थी। अब राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने मनोज सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
रोहित अग्रवाल के गंभीर आरोप
आरएलडी नेता रोहित अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि मनोज सिंह न केवल भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, बल्कि ठगी और धोखाधड़ी के मामलों में भी शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि मनोज सिंह रसूखदार नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवाकर और सरकारी सुरक्षा का इस्तेमाल करके लोगों को गुमराह करते हैं। इसी के जरिए वे लोगों से ठगी करते हैं और उनसे पैसे ऐंठते हैं।
रोहित अग्रवाल ने कहा कि मनोज सिंह के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज और गोमतीनगर सहित कई थानों में एफआईआर दर्ज है। उन्होंने यह भी बताया कि 24 जून 2022 को मनोज सिंह ने उनके भाई के साथ धोखाधड़ी कर 80,000 रुपये ऐंठ लिए थे। इस घटना के संबंध में भी मुकदमा दर्ज कराया गया था।
चटोरी गली में विवाद से सुर्खियों में आए मनोज सिंह
बीते दिनों लखनऊ के 1090 चटोरी गली में एक परिवार के साथ बदसलूकी के मामले में भी मनोज सिंह का नाम चर्चा में आया था। इस मामले ने बीजेपी नेता की छवि को और खराब किया है।
सीएम योगी से सख्त कार्रवाई की मांग
सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखे अपने पत्र में रोहित अग्रवाल ने कहा कि मनोज सिंह सरकारी सुरक्षा का दुरुपयोग कर रहे हैं और अपनी ठगी की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे नेता बीजेपी और उत्तर प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने की साजिश कर रहे हैं।
रोहित अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि मनोज सिंह के खिलाफ निष्पक्ष जांच कराई जाए और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे भ्रष्ट और धोखेबाज व्यक्तियों पर कार्रवाई करना आवश्यक है, ताकि राज्य सरकार के नेतृत्व में प्रदेश में हो रहे विकास कार्यों में कोई बाधा उत्पन्न न हो सके।
क्या कहते हैं रोहित अग्रवाल?
आरएलडी नेता ने कहा, “मनोज सिंह जैसे लोगों पर कार्रवाई जरूरी है। वे अपनी सरकारी सुरक्षा और रसूख का इस्तेमाल करके आम जनता को ठग रहे हैं। सीएम योगी से मेरी अपील है कि ऐसे भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।”
यह मामला अब राजनीतिक और कानूनी दोनों ही स्तरों पर चर्चा का विषय बन चुका है। यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करते हैं।