Explore

Search
Close this search box.

Search

9 January 2025 8:52 am

लेटेस्ट न्यूज़

प्रदेश के इन जिलों को मिला सबसे बड़ा “बिजली चोरी” करने में “अव्वल” दर्जा, चोरी का तरीका आपको चौंका देगा

133 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी और बकाया भुगतान को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। राज्य विद्युत विभाग द्वारा चलाए गए सघन जांच अभियान में बड़े पैमाने पर बिजली चोरी के मामले उजागर हुए हैं। इन मामलों ने न केवल विभाग को, बल्कि स्थानीय प्रशासन और आम जनता को भी झकझोर कर रख दिया है।

मथुरा, आगरा और प्रयागराज—बिजली चोरी के हॉटस्पॉट

प्रदेश में मथुरा, आगरा और प्रयागराज सबसे ज्यादा बिजली चोरी के मामलों में शीर्ष पर हैं। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में मथुरा में 7,560, आगरा में 6,260 और प्रयागराज में 5,707 मामले दर्ज किए गए। प्रयागराज के करेली, कसारी मसारी और कल्याणी देवी जैसे क्षेत्रों में बिजली चोरी के मामले अधिक पाए गए। यहां तक कि कई ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशनों और प्रतिष्ठानों पर भी चोरी की बिजली का उपयोग किया जा रहा था।

नोएडा में 4,449 और कानपुर सिटी में 3,122 मामले दर्ज हुए हैं। इसके विपरीत, वाराणसी और गोरखपुर जैसे शहरों में बिजली चोरी के मामलों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही है। वाराणसी में 1,677 और गोरखपुर में 1,227 मामले ही सामने आए।

कैसे हो रही है बिजली चोरी?

बिजली चोरी के मामलों में स्थानीय स्तर पर कई ‘जुगाड़’ लगाए जा रहे हैं। खंभों से सीधे तार जोड़कर, अवैध कनेक्शन बनाकर, और स्मार्ट मीटर से छेड़छाड़ कर लोग बिजली चोरी कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में छतों पर तारों का पूरा नेटवर्क बिछा दिया जाता है। जांच के दौरान कई घरों में हीटर और ब्लोअर जैसे भारी उपकरणों का इस्तेमाल होता पाया गया, जिससे बिजली की खपत बढ़ रही थी।

सख्त कार्रवाई और हंगामा

जांच अभियान के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों को जनता के विरोध का भी सामना करना पड़ा। प्रयागराज में, जब विद्युत विभाग ने कई उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे, तो स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और कनेक्शन बहाल करने का दबाव बनाने लगे। विभागीय कर्मचारियों ने हालांकि सख्ती से काम करते हुए अवैध कनेक्शनों को काट दिया और चोरी के सबूत भी इकट्ठा किए।

इस दौरान कुल 257 घरों की चेकिंग की गई, जिसमें 68 मामलों में चोरी की बिजली का उपयोग करते हुए हीटर और ब्लोअर पाए गए। इन मामलों के वीडियो सबूत भी बनाए गए हैं।

बिजली विभाग की रणनीति

बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए विभाग ने कई कदम उठाए हैं। इनमें स्मार्ट मीटर की स्थापना, नियमित निरीक्षण, और जनता को जागरूक करने के अभियान शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि बिजली चोरी न केवल सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि ईमानदार उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव भी डाल रही है।

आम जनता के लिए संदेश

बिजली विभाग ने जनता से अपील की है कि बिजली चोरी से बचें और नियमित भुगतान करें। बिजली चोरी से न केवल सरकारी संसाधन खत्म होते हैं, बल्कि इसके कारण विकास कार्य भी प्रभावित होते हैं।

यह अभियान यह स्पष्ट करता है कि बिजली चोरी न केवल एक कानूनी अपराध है, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। सरकार और बिजली विभाग ने इसे रोकने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

Leave a comment

लेटेस्ट न्यूज़