मिश्री लाल कोरी की रिपोर्ट
महराजगंज। प्रयागराज में आयोजित होने वाले आगामी महाकुंभ 2025 को लेकर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट हैं। महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। इसे लेकर एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के महानिदेशक (डीजी) अमृत मोहन प्रसाद ने मंगलवार को महाराजगंज जिले के सोनौली सीमा का दौरा किया और सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया।
सीमा सुरक्षा में सहयोग पर जोर
इस दौरान एसएसबी के डीजी ने नेपाल के अधिकारियों के साथ बैठक की और सीमा पर सुरक्षा के मद्देनजर परस्पर सहयोग की बात कही। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि एसएसबी और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट रहें, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके। डीजी अमृत मोहन प्रसाद ने बताया कि भारत और नेपाल के संबंध हमेशा से मजबूत रहे हैं और नेपाल ने महाकुंभ के दौरान हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है।
विरोधी तत्वों को रोकने की रणनीति
महाकुंभ के मद्देनजर उत्तर प्रदेश पुलिस और एसएसबी ने नेपाल सीमा पर संयुक्त रूप से गहन जांच और पेट्रोलिंग शुरू कर दी है। सभी आने-जाने वालों की सघन जांच की जा रही है, ताकि किसी भी देशविरोधी तत्व को सीमा पार कर भारत में प्रवेश करने से रोका जा सके। उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने पहले ही निर्देश दिए हैं कि पुलिस और एसएसबी आपसी समन्वय के साथ काम करें और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखें।
दुनिया भर से श्रद्धालुओं का आगमन
उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन और सांस्कृतिक विभाग के कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 2019 में आयोजित कुंभ मेले की विश्वभर में प्रशंसा हुई थी। उस दौरान 24 करोड़ श्रद्धालु कुंभ में शामिल हुए थे और बिना किसी अप्रिय घटना के मेला संपन्न हुआ था। इस बार का महाकुंभ अधिक भव्य और दिव्य होगा। सरकार इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो।
कैबिनेट मंत्री ने यह भी कहा कि 2025 के महाकुंभ में 40 से 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। महाकुंभ न केवल धार्मिक महत्व का आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, सामाजिक एकता और आस्था का प्रतीक भी है।
महाकुंभ का आयोजन
हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025, 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक प्रयागराज में चलेगा। महाकुंभ के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था को प्राथमिकता दी जा रही है। इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रही हैं, ताकि इसे सफल और सुरक्षित बनाया जा सके।
महाकुंभ का यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव का माध्यम होगा, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का वैश्विक मंच भी बनेगा।
Author: samachar
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