कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित लोकबंधु राज नारायण संयुक्त अस्पताल से लापरवाही और अमानवीयता का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अस्पताल के गायनेकोलॉजी विभाग में एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, लेकिन नर्सिंग स्टाफ ने उसे देखने के बजाय पहले मूंगफली लाने की मांग की। यह घटना चिकित्सा क्षेत्र में व्याप्त संवेदनहीनता और लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, लखनऊ के बंथरा कोतवाली क्षेत्र के लतीफ नगर निवासी काजल नामक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए लोकबंधु अस्पताल लाया गया था। जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि उसकी डिलीवरी सामान्य तरीके से होगी। हालांकि, देर रात जब महिला को तेज प्रसव पीड़ा शुरू हुई, तो परिजनों ने ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ से मदद की गुहार लगाई।
मदद की जगह मूंगफली की मांग
परिजनों का आरोप है कि स्टाफ ने महिला की मदद करने के बजाय उनसे पहले मूंगफली लाने को कहा। यह सुनकर परिवार के लोग असमंजस में पड़ गए, लेकिन महिला की स्थिति को देखते हुए वे किसी तरह पास के बाजार से ₹100 की मूंगफली खरीदकर लाए। मूंगफली मिलने के बाद स्टाफ ने महिला को देखने का काम शुरू किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
स्थिति बिगड़ने पर किया मेडिकल कॉलेज रेफर
अस्पताल के स्टाफ ने मामले को संभालने की कोशिश की, लेकिन महिला की हालत लगातार बिगड़ती गई। इसके बाद स्टाफ ने ऑपरेशन की आवश्यकता बताई और इसके लिए पैसों की मांग की। जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, तो महिला को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
परिजन उसे मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे, लेकिन वहां पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि नवजात बच्चे की मृत्यु हो चुकी है। डॉक्टरों के अनुसार, बच्चे के मुंह में गंदा पानी चला गया था, जो उसकी मौत का कारण बना।
परिजनों ने की शिकायत
इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल के वन स्टॉप सेंटर में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही और मनमानी के गंभीर आरोप लगाए हैं।
अस्पताल प्रशासन ने गठित की जांच कमेटी
मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल के निदेशक राजेश कुमार ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर संबंधित स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
लापरवाही पर उठे सवाल
यह घटना न केवल चिकित्सा क्षेत्र की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि मानवता के नाम पर भी सवाल खड़े करती है। एक महिला और उसके बच्चे की जान बचाने के बजाय मूंगफली जैसी बेतुकी मांग करना अस्पताल की संवेदनहीनता को दिखाता है।
इस घटना ने चिकित्सा क्षेत्र में सुधार की जरूरत और मरीजों के साथ संवेदनशील व्यवहार की अनिवार्यता पर जोर दिया है। परिजन अब दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
Author: samachar
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