Explore

Search
Close this search box.

Search

9 January 2025 1:17 am

लेटेस्ट न्यूज़

ब्रम्ह भोज में कुर्सी को लेकर हुए विवाद में दबंगों ने ले ली युवक की जान, इलाके में मचा कोहराम

240 पाठकों ने अब तक पढा

संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट

गोरखपुर जिले से आई एक घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। गुलरिहा थाना क्षेत्र के महरीन टोला में शनिवार रात एक ब्रह्मभोज कार्यक्रम के दौरान ‘कुर्सी’ पर बैठने को लेकर हुआ मामूली विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया, जिसमें धर्मेंद्र निषाद नामक युवक की जान चली गई। इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।

कुर्सी के विवाद ने ली युवक की जान

मिली जानकारी के अनुसार, ब्रह्मभोज कार्यक्रम में भीड़ अधिक थी। प्रॉपर्टी डीलर अनिल निषाद और उसके साथियों को बैठने के लिए कुर्सी नहीं मिली, जिससे वे नाराज हो गए। उन्होंने गाली-गलौच करते हुए कार्यक्रम स्थल से जाने का प्रयास किया। इसी दौरान धर्मेंद्र निषाद ने उन्हें रोककर समझाने का प्रयास किया।

इस पर अनिल के रिश्तेदार आर्यन और उसके साथियों ने धर्मेंद्र के साथ झगड़ा शुरू कर दिया। बात इतनी बढ़ गई कि आर्यन ने अपने अन्य साथियों को बुलाकर धर्मेंद्र पर हमला कर दिया। हमला इतना हिंसक था कि धर्मेंद्र को ईंट से बुरी तरह मारा गया। घायल धर्मेंद्र को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान सोमवार को उनकी मौत हो गई।

परिवार की मांग और विरोध प्रदर्शन

धर्मेंद्र की मौत से उनका परिवार सदमे में है। उनके परिजनों ने आरोपियों के लिए फांसी की सजा और सरकार से मुआवजे की मांग की है। इसके लिए मृतक के परिजनों ने मंगलवार को गोरखपुर-देवरिया बाईपास के पास चिड़ियाघर के पास सड़क जाम कर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के कारण क्षेत्र में यातायात बाधित हुआ। स्कूली बसों और एंबुलेंस को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ी। पुलिस ने परिजनों को समझाने और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम को समाप्त करवाया।

पुलिस कार्रवाई

घटना के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए मुख्य आरोपी अनिल निषाद सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच जारी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी और आरोपियों को सख्त सजा दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

धर्मेंद्र निषाद के परिवार में उनकी पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। उनकी पत्नी दो महीने की गर्भवती हैं, जिससे परिवार की स्थिति और अधिक दयनीय हो गई है। यह घटना न केवल धर्मेंद्र के परिवार के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गहरी पीड़ा का कारण बन गई है।

इस घटना ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे छोटी-छोटी बातों पर इंसानी जान की कीमत को नजरअंदाज किया जा रहा है। दोषियों को सख्त सजा दिलाना और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना ही इस घटना का उचित समाधान होगा।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

Leave a comment

लेटेस्ट न्यूज़