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18 December 2024 10:10 am

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जीजा-साली की लड़ाई, फोन कॉल डिटेल पर आई…पढिए, राजनीति की बड़ी बडियाई… 

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश की राजनीति में पटेल परिवार का वर्चस्व जगजाहिर है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह परिवार आपसी मतभेदों के कारण चर्चा में बना हुआ है। 

पूर्वांचल के कई जिलों में अपना मजबूत प्रभाव रखने वाले इस परिवार की दो प्रमुख हस्तियों – समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल और योगी सरकार में मंत्री व अपना दल (सोनेलाल) के नेता आशीष पटेल के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है।

सदन में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने से रोकी गईं पल्लवी पटेल

हाल ही में, उत्तर प्रदेश विधानसभा में सिराथू से सपा विधायक पल्लवी पटेल ने अपने जीजा और मंत्री आशीष पटेल के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने का प्रयास किया। उनका आरोप था कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में अधिकारियों की नियुक्ति में भारी गड़बड़ियां हुई हैं। 

उन्होंने कहा कि नियमों को ताक पर रखकर विभागाध्यक्ष के पदों पर नियुक्तियां की गईं और इसके लिए 25-25 लाख रुपये की रिश्वत ली गई।

हालांकि, विधानसभा में उन्हें इस मुद्दे पर बोलने नहीं दिया गया। पल्लवी पटेल के आवाज उठाने पर जब उन्हें रोक दिया गया, तो उन्होंने विरोधस्वरूप सदन परिसर में धरना शुरू कर दिया। करीब 9 घंटे के धरने के बाद, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के आश्वासन पर उन्होंने धरना समाप्त किया।

आशीष पटेल का पलटवार: ‘पल्लवी कहीं से ऑपरेट हो रही हैं’

धरने के बाद, आशीष पटेल ने पल्लवी पटेल पर पलटवार करते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पल्लवी किसी बाहरी शक्ति के इशारे पर काम कर रही हैं और उनकी कॉल डिटेल्स की जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी। आशीष पटेल ने यह भी कहा कि वह सर्जरी के लिए 30 नवंबर तक दिल्ली के अस्पताल में भर्ती थे और इस बीच पल्लवी पटेल केवल मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए आरोप लगा रही हैं।

भ्रष्टाचार के आरोप और राजनीतिक लाभ की कोशिश

पल्लवी पटेल के आरोपों से राज्य की राजनीति गर्म हो गई है। उन्होंने कहा कि 2017 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, उत्तर प्रदेश चयन सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्तियां होनी चाहिए थीं, लेकिन इसके बजाय, विभाग में मनमाने तरीके से पदोन्नति के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया। उन्होंने दावा किया कि 250 लोगों को अवैध रूप से पदोन्नति दी गई है, जिससे योग्य अभ्यर्थियों का हक मारा गया है। उन्होंने मांग की कि इस घोटाले में शामिल सभी अधिकारियों और नेताओं पर आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

पुरानी है ‘अपना दल’ में राजनीतिक लड़ाई

गौरतलब है कि पटेल परिवार में राजनीतिक विभाजन नया नहीं है। पल्लवी पटेल का राजनीतिक सफर समाजवादी पार्टी से जुड़ा है, जबकि उनकी बहन अनुप्रिया पटेल अपना दल (सोनेलाल) की प्रमुख हैं। यह आपसी खींचतान अक्सर सार्वजनिक मंचों पर दिखाई देती रही है। अब, पल्लवी पटेल ने भ्रष्टाचार के इस मुद्दे को उठाकर राजनीतिक लाभ की रणनीति अपनाई है।

आशीष पटेल का बचाव और राजनीतिक साजिश का आरोप

मंत्री आशीष पटेल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे राजनीतिक हत्या की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनके राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने के लिए इस तरह के निराधार आरोप लगा रहे हैं।

क्या इस विवाद का असर पड़ेगा?

पटेल परिवार की इस सियासी जंग का असर उत्तर प्रदेश की आगामी राजनीतिक रणनीतियों और गठबंधन समीकरणों पर पड़ सकता है। पूर्वांचल के जिलों में पटेल वोट बैंक का विशेष महत्व है, और यह विवाद इस क्षेत्र में राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

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