सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत करते हुए सात सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) दो सीटें ही जीत सकी। इस उपचुनाव से पहले, इन नौ सीटों में से चार पर सपा का कब्जा था, जबकि बाकी सीटें बीजेपी और उसके सहयोगियों के पास थीं।
चुनाव परिणाम का समीकरण
चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने करहल, कटेहरी, कुंदरकी, सीसामऊ, खैर, गाजियाबाद, और मझवां पर जीत हासिल की। मीरापुर सीट पर बीजेपी की सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने बाज़ी मारी। सपा ने केवल करहल और सीसामऊ सीट पर जीत हासिल की, जहां उसके उम्मीदवार तेज प्रताप यादव और नसीम सोलंकी विजयी रहे।
सपा की हार: आरोप और प्रतिक्रियाएं
सपा ने बीजेपी पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया। पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उपचुनाव में “करप्शन” ने “इलेक्शन” का स्थान ले लिया है। मीरापुर सीट पर मुस्लिम मतदाताओं को वोट डालने से रोकने के आरोप भी लगाए गए। सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में पुलिसकर्मी पिस्टल लहराते नजर आए, जिस पर विवाद खड़ा हुआ।
हालांकि, पुलिस और प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने इन घटनाओं को निराधार बताया और कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की गई।
बीजेपी की प्रतिक्रिया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे “डबल इंजन सरकार” की नीतियों और पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा बताया। उन्होंने कहा, “यह चुनाव समाजवादी पार्टी और इंडी गठबंधन की ‘लूट’ और ‘झूठ’ की राजनीति के अंत की घोषणा है।”
‘पीडीए’ का समीकरण और उसका असर
2024 के लोकसभा चुनाव में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) गठबंधन के जरिए सपा ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि, उपचुनाव में यह फॉर्मूला असरदार साबित नहीं हुआ। बीजेपी ने भी अपने उम्मीदवारों के चयन में “पीडीए” समीकरण साधने की कोशिश की। वरिष्ठ पत्रकार नवलकांत सिन्हा ने कहा, “बीजेपी के पीडीए में ‘ए’ का मतलब ‘अगड़ा’ है, जबकि सपा के ‘ए’ का मतलब ‘अल्पसंख्यक’ है।”
छोटी पार्टियों का प्रभाव
मीरापुर, फूलपुर, और कटेहरी जैसी सीटों पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), एआईएमआईएम, और आजाद समाज पार्टी के प्रदर्शन ने सपा के वोट बैंक को नुकसान पहुंचाया। बीएसपी के उम्मीदवारों को कई जगहों पर सपा की तुलना में ज्यादा वोट मिले, जिससे बीजेपी को फायदा हुआ।
भविष्य की रणनीति और चुनौतियां
विश्लेषकों के मुताबिक, सपा को छोटे दलों के साथ तालमेल बनाने और अपने वोट बैंक के बिखराव को रोकने की जरूरत है। वहीं, बीजेपी ने अपनी जीत को योगी आदित्यनाथ की नीतियों और पार्टी संगठन की मजबूती का परिणाम बताया।
उपचुनाव की मुख्य बातें
1. करहल: तेज प्रताप यादव (सपा) विजयी।
2. सीसामऊ: नसीम सोलंकी (सपा) ने जीत दर्ज की।
3. मीरापुर: आरएलडी के मिथिलेश पाल विजयी।
4. कटेहरी: बीजेपी के धर्मराज निषाद ने जीत दर्ज की।
5. कुंदरकी: बीजेपी के रामवीर सिंह ने भारी अंतर से जीत दर्ज की।
नारे और सियासी संदेश
इस उपचुनाव में बीजेपी ने “बंटेंगे तो कटेंगे” का नारा दिया, जो जनता के बीच लोकप्रिय साबित हुआ। वहीं, सपा ने “जुड़ेंगे तो जीतेंगे” का नारा दिया, जो अपेक्षित प्रभाव नहीं डाल सका।
उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में बीजेपी ने अपनी राजनीतिक मजबूती का प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख बढ़ी। दूसरी ओर, सपा को अपने संगठनात्मक ढांचे और गठबंधन की रणनीतियों पर फिर से काम करना होगा। इन नतीजों ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक परिदृश्य को और दिलचस्प बना दिया है।