अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
संविधान दिवस के अवसर पर कांग्रेस पार्टी ने देश में जातीय जनगणना, आनुपातिक आरक्षण और मतदान प्रणाली में मतपत्र की वापसी को अनिवार्य बताते हुए इन्हें लोकतंत्र को मजबूत बनाने और जनता को उनका अधिकार दिलाने का अहम कदम बताया।
मंगलवार को राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित “संविधान रक्षक अभियान-मेरी जान मेरा अभियान” कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
जातीय जनगणना: बहुसंख्यकों को न्याय का आधार
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने संबोधन में कहा कि देश में जातीय जनगणना बेहद जरूरी है ताकि हर वर्ग को उनकी जनसंख्या के अनुपात में अधिकार और संसाधनों में हिस्सेदारी मिल सके। उन्होंने कहा, “जातीय जनगणना बहुसंख्यकों को न्याय दिलाने का माध्यम बनेगी। कांग्रेस तब तक इस मुद्दे पर संघर्ष करती रहेगी, जब तक इसे संसद में पारित नहीं करा लिया जाता।”
उन्होंने यह भी कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने जातीय जनगणना शुरू कर दी है, और अब यह प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर भी होना चाहिए।
मतपत्र से चुनाव कराने की मांग
चुनाव प्रणाली पर सवाल उठाते हुए खड़गे ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ईवीएम के माध्यम से चुनावों में पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं। खड़गे ने मांग की कि देश में मतपत्र प्रणाली को दोबारा लागू किया जाए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस का मानना है कि मतपत्र से चुनाव प्रक्रिया अधिक विश्वसनीय और लोकतांत्रिक होगी, और हम इसके लिए संघर्ष करेंगे।”
जातीय जनगणना से पीएम मोदी की बढ़ी चिंता: खड़गे
खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जातीय जनगणना की मांग से उनके भीतर डर पैदा हो गया है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी जानते हैं कि यदि जातीय जनगणना हुई, तो लोग अपना अधिकार मांगेंगे और उन्हें सत्ता छोड़नी पड़ेगी। कांग्रेस इस लड़ाई को संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ेगी।”
खड़गे ने भाजपा और आरएसएस पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे बाबा साहब अंबेडकर के काम को मान्यता देने में विफल रहे हैं। लेकिन कांग्रेस के संघर्ष के कारण भाजपा अब बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीरों को अपने कार्यक्रमों में शामिल करने पर मजबूर हो गई है।
राहुल गांधी ने उठाए संविधान और सामाजिक न्याय के मुद्दे
कार्यक्रम में राहुल गांधी ने संविधान के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “संविधान देश की हजारों साल की सोच का परिणाम है। इसमें बुद्ध से लेकर गांधी तक की सोच समाहित है। लेकिन आज देश में लोगों की आवाज दबाई जा रही है। दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को उनके अधिकार नहीं मिल रहे हैं।”
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान को कमजोर करने का काम किया है और वे इसे नहीं पढ़ते। राहुल ने कहा कि कांग्रेस का प्रमुख एजेंडा जातीय जनगणना है, और कांग्रेस की सरकारें इसे हर हाल में लागू करेंगी।
50 प्रतिशत आरक्षण सीमा खत्म करने का वादा
राहुल गांधी ने यह भी वादा किया कि कांग्रेस जातीय जनगणना को लोकसभा में पारित कराएगी और आरक्षण के लिए 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म करने के लिए कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि देश में पिछड़े वर्गों, दलितों और आदिवासियों को उनका हक दिलाना कांग्रेस की प्राथमिकता है।
भाजपा पर आरोप: केवल अमीरों के हित में काम
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया है। खड़गे और राहुल गांधी ने कहा कि देश के संसाधनों का बड़ा हिस्सा केवल 25 उद्योगपतियों के हाथों में केंद्रित हो गया है, जबकि समाज के पिछड़े, दलित और आदिवासी वंचित रह गए हैं।
संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा
कार्यक्रम के अंत में कांग्रेस नेताओं ने संविधान की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को कमजोर नहीं होने देगी और हर तबके को उसका अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करती रहेगी।
कांग्रेस के इस अभियान को लेकर देशभर में चर्चा तेज हो गई है। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह जातीय जनगणना और आनुपातिक आरक्षण को लेकर आने वाले चुनावों में इसे प्रमुख मुद्दा बनाएगी।