अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में UPPSC (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) की परीक्षा प्रक्रिया के खिलाफ हजारों छात्रों का आंदोलन जोर पकड़ रहा है। लोक सेवा आयोग के कार्यालय के सामने बड़ी संख्या में छात्र धरने पर बैठे हैं। ये छात्र UPPSC द्वारा PCS (Provincial Civil Services) और RO/ARO (Review Officer/Assistant Review Officer) परीक्षाओं को एक ही दिन में कराने की मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि आयोग की ओर से परीक्षाओं की तारीखों में पारदर्शिता और विश्वसनीयता का अभाव है, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
छात्रों पर पुलिस की लाठीचार्ज, बढ़ा विरोध
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस घटना के बाद छात्रों का गुस्सा और भड़क गया। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस को छात्रों पर लाठीचार्ज करते हुए देखा जा सकता है।
स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन
छात्रों पर हुई पुलिस कार्रवाई पर कई राजनीतिक नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने छात्र आंदोलन का एक वीडियो साझा करते हुए सरकार की आलोचना की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश में होने वाली PCS/RO/ARO की परीक्षा एक ही दिन में कराने की मांग को लेकर धरना दे रहे अभ्यर्थियों पर किया गया लाठीचार्ज अत्यंत दुःखद है। लोकतंत्र की आवाज लाठियों और बंदूकों से नहीं दबाई जा सकती। सरकार के इस तानाशाही रवैये की कड़ी निंदा करता हूं।”
मायावती ने भी किया छात्रों का समर्थन
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने भी इस मामले पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा PCS तथा RO/ARO जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं को एक ही समय में कराने में विफलता पर आक्रोशित छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई से उत्पन्न स्थिति की व्यापक चर्चा स्वाभाविक है।”
मायावती ने आगे कहा, “क्या यूपी सरकार के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि PCS जैसी विशिष्ट परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है? पेपर लीक जैसी समस्याओं को रोकने और परीक्षाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए एक बार में ही परीक्षा का आयोजन आवश्यक है। सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।”
छात्रों की मुख्य मांगें
छात्रों का कहना है कि यूपीपीएससी की परीक्षाओं के आयोजन में बार-बार अनियमितताएं सामने आती रही हैं, जैसे कि पेपर लीक की घटनाएं। इसलिए, वे चाहते हैं कि PCS और RO/ARO जैसी परीक्षाएं एक ही दिन में कराई जाएं, ताकि परीक्षाओं की विश्वसनीयता और पारदर्शिता बनी रहे। छात्रों का यह भी आरोप है कि सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है और पुलिस के माध्यम से उनके आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है।
आंदोलन के बढ़ने की संभावना
प्रयागराज में चल रहे इस आंदोलन के बढ़ते समर्थन के चलते स्थिति और गंभीर हो सकती है। स्वामी प्रसाद मौर्य और मायावती जैसे दिग्गज नेताओं के समर्थन से छात्रों का हौसला बढ़ा है। ऐसे में सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह जल्द से जल्द छात्रों की मांगों पर ध्यान दे और कोई ठोस कदम उठाए।
यह आंदोलन एक बार फिर से यह सवाल उठाता है कि क्या उत्तर प्रदेश की परीक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है? और क्या सरकार छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है या नहीं? फिलहाल, छात्रों के इस आंदोलन का भविष्य क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी।