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November 22, 2024 9:32 am

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मनरेगा रोजगार सृजन में यूपी के इन दोनों जिले ने किया कीर्तिमान स्थापित

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिबद्धता और प्रशासनिक कुशलता के चलते ग्रामीण परिवेश तेजी से विकास की राह पर अग्रसर है। केंद्र की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को सीएम योगी ने एक कारगर साधन के रूप में अपनाया है। इसके जरिए न केवल गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं, बल्कि महिलाओं के सशक्तीकरण और बुनियादी सुविधाओं में सुधार के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

2024-25 में 60.17 लाख परिवारों को रोजगार

वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में, योगी सरकार ने अब तक 60.17 लाख ग्रामीण परिवारों को रोजगार से जोड़ने में सफलता प्राप्त की है। यह प्रयास इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश की सरकार गांवों में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कितनी प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उनके घर के पास ही रोजगार मिले, जिससे उन्हें पलायन करने की आवश्यकता न पड़े।

बस्ती जिला बना रोजगार सृजन में नंबर वन

मनरेगा योजना के तहत रोजगार सृजन में प्रदेश का बस्ती जिला शीर्ष पर है। यहां 1,95,717 परिवारों ने रोजगार की मांग की, जिनमें से लगभग सभी, यानी 1,95,714 परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। इस प्रयास से जिले में कुल 79,40,929 मानव दिवस का सृजन हुआ है। इस प्रदर्शन के लिए बस्ती जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा, जबकि आजमगढ़ और जौनपुर क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।

ग्रामीण विकास की बहुआयामी पहल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मनरेगा को ग्रामीण विकास के लिए बहुआयामी साधन बना दिया है। इस योजना के अंतर्गत रोजगार सृजन के साथ-साथ आवास, पेयजल, महिला सशक्तिकरण, सिंचाई, सड़क निर्माण और पौधारोपण जैसी योजनाओं का संचालन भी किया जा रहा है। इनका मुख्य उद्देश्य गांवों के समग्र विकास और ग्रामीण लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना है। ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, जिससे अधिक से अधिक ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके।

महिला सशक्तिकरण को मिली नई दिशा

मनरेगा योजना के अंतर्गत महिलाओं को रोजगार प्रदान कर उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत की जा रही है। महिलाएं इस योजना के तहत न केवल रोजगार प्राप्त कर रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी आगे बढ़ रही हैं। योगी सरकार द्वारा महिलाओं को विशेष अवसर दिए जा रहे हैं, जिससे वे अपने परिवारों के लिए आर्थिक योगदान दे सकें। रोजगार मिलने से ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं और वे आर्थिक स्वतंत्रता की ओर कदम बढ़ा रही हैं।

100 दिनों के रोजगार का लक्ष्य

योगी सरकार ने इस वर्ष मनरेगा के तहत एक लाख से अधिक परिवारों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूरा कर लिया है। अब तक 1,00,371 परिवारों ने 100 दिनों का रोजगार प्राप्त कर अपनी आजीविका को सुरक्षित किया है। इस योजना के तहत सरकार का उद्देश्य अधिक से अधिक परिवारों को रोजगार प्रदान कर उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

निरंतर निगरानी और प्रभावी क्रियान्वयन

मनरेगा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार द्वारा निरंतर निरीक्षण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों में अधिकारियों को योजना के सफल क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसका उद्देश्य यह है कि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें और ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास हो सके। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के गांवों का ढांचा सशक्त हो रहा है और ग्रामीण क्षेत्र नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इन पहलों से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और बुनियादी सुविधाओं का नया दौर शुरू हो चुका है। यह विकास यात्रा आने वाले समय में राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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