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November 8, 2024 7:03 pm

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अखिलेश-राहुल का संयुक्त हमला : क्या योगी का किला हिलाएगा इंडिया गठबंधन?

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी और पोस्टर वार का दौर शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “बंटोगे तो कटोगे” वाले बयान ने इस विवाद को और गरमा दिया है, जिसके बाद बीजेपी और समाजवादी पार्टी (सपा) के दफ्तरों के बाहर पोस्टर वार देखने को मिल रहा है।

अब राजनीतिक दल सोशल मीडिया और पोस्टर वार से आगे बढ़कर चुनावी रैलियों की तैयारी में जुट गए हैं। 20 नवंबर को सभी 9 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी चुनावी रैलियों का आगाज कर दिया है, जबकि विपक्षी पार्टियां भी पूरी ताकत झोंकने की योजना बना रही हैं। खासकर इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance), जिसमें सपा, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल शामिल हैं, एकजुट होकर बीजेपी को चुनौती देने की कोशिश में है।

संयुक्त चुनावी रैलियों की रणनीति

सूत्रों के अनुसार, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित विपक्ष के कई नेता एक मंच पर आ सकते हैं। विपक्षी दलों की इस एकजुटता का उद्देश्य राज्य में बीजेपी के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाना है। खबरें हैं कि करहल और गाजियाबाद सीट पर अखिलेश यादव और राहुल गांधी संयुक्त रैलियां कर सकते हैं, जिससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी चुनाव प्रचार में शामिल करने की योजना बन रही है। यूपी कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी का कहना है कि कांग्रेस इस उपचुनाव में सपा के उम्मीदवारों के पक्ष में पूरी ताकत से खड़ी होगी। उनका कहना है कि बीजेपी सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की आवाज को दबाया है, जिसे लेकर विपक्ष एकजुट है।

आप की भूमिका और समर्थन

आम आदमी पार्टी (आप) भी इस उपचुनाव में सपा को समर्थन देने की तैयारी में है। यूपी में आप के नेता महेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी वहां प्रचार करेगी जहां सपा की ओर से कहा जाएगा। हालांकि, अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार में शामिल होंगे या नहीं, इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। अगर जरूरत पड़ी और गठबंधन के नेता मांग करेंगे, तो केजरीवाल के चुनाव प्रचार में शामिल होने की संभावना है।

राजनीतिक सरगर्मियों का बढ़ता तापमान

जैसे-जैसे उपचुनाव की तारीखें करीब आ रही हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की तैयारियां भी तेज हो रही हैं। बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। इंडिया गठबंधन के नेता अगले हफ्ते से चुनावी अभियान में जोर-शोर से उतरने की योजना बना रहे हैं। खबर है कि प्रदेश में 2 से 3 संयुक्त रैलियां आयोजित की जाएंगी, जिनमें विपक्ष के प्रमुख नेता एक मंच पर नजर आएंगे।

कुल मिलाकर, यूपी उपचुनाव में इस बार मुकाबला सिर्फ सीटों का नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्ष के बीच शक्ति प्रदर्शन का भी है। जहां बीजेपी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सत्ता को बनाए रखने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्ष एकजुट होकर सत्ता पक्ष को कड़ी चुनौती देने के लिए कमर कस चुका है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि उपचुनाव का ऊंट किस करवट बैठेगा और कौन सी पार्टी इन 9 सीटों पर बाजी मारती आएंगी।

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