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November 1, 2024 4:10 pm

खेत तालाब योजना में बड़ा घोटाला, ज़्यादातर तालाब कागज़ों तक सीमित

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट के मऊ और रामनगर ब्लॉक में खेत तालाब योजना के तहत किए गए कार्यों की ज़मीनी हकीकत बेहद चिंताजनक है। योजना के अंतर्गत कागज़ों पर ज़्यादातर तालाब खोदे गए हैं, लेकिन वास्तविकता में किसानों को कहीं तालाब नज़र नहीं आ रहे। कई स्थानों पर मानकों का उल्लंघन कर कार्य कराए गए, जिससे सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ है।

इंस्पेक्टरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

चित्रकूट इकाई के इंस्पेक्टर संदीप द्विवेदी और देवेश तिवारी पर इस घोटाले में प्रमुख भूमिका निभाने के आरोप लगे हैं। बताया जा रहा है कि भूमि संरक्षण अधिकारी हिमांशु पांडेय ने इन्हें इस घोटाले में भरपूर संरक्षण दिया। इन इंस्पेक्टरों ने खेत तालाब योजना में लाखों रुपए का गबन किया और इसके बाद इन्हें सीनियर इंस्पेक्टर बना दिया गया।

वित्तीय वर्ष 2020/21 और 2021/22 में हुआ बड़ा खेल

खेत तालाब योजना के तहत भ्रष्टाचार का यह खेल मुख्य रूप से वित्तीय वर्ष 2020/21 और 2021/22 में खेला गया। इस दौरान कागज़ी प्रक्रिया पूरी कर किसानों को गुमराह किया गया। न तो तालाब खोदे गए और न ही किसानों को इसका कोई लाभ मिला।

नमसा योजना में भी घोटाला

खेत तालाब योजना के अलावा नमसा योजना में भी फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस योजना के तहत किसानों को पशु आवंटित करने के नाम पर फर्जी फीडिंग दिखाई गई। सरकारी धन का गबन करने के लिए अन्य लोगों के पशुओं की फोटो अपलोड कर कागज़ी कोरम पूरा किया गया, जबकि किसानों के पास असल में कोई पशु मौजूद नहीं था।

उच्च स्तरीय जांच की मांग

ज़िला प्रशासन से मांग की जा रही है कि इन घोटालों की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक कमेटी गठित की जाए। यदि यह जांच सही तरीके से की जाती है, तो जिले में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."