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November 1, 2024 5:05 pm

बाढ़, भूस्खलन और आसमानी बिजली… मौत का कहर, तबाह कर रहा नेपाल को

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चुन्नीलाल प्रधान और मिश्रीलाल कोरी की रिपोर्ट

नेपाल में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने देश में व्यापक तबाही मचाई है, जिससे अब तक कम से कम 170 लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकारियों के अनुसार, विभिन्न क्षेत्रों में 42 लोग लापता हैं और 111 से अधिक लोग घायल हुए हैं। नेपाल के गृह मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार और शनिवार को हुई बाढ़, भूस्खलन और बिजली गिरने की घटनाओं ने कई लोगों की जान ली है। प्रवक्ता ने यह भी संकेत दिया कि मरने वालों की संख्या अभी बढ़ सकती है।

नेपाल की राजधानी काठमांडू और उसके आसपास के इलाकों में बाढ़ से हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि बढ़ते जल स्तर से बचने के लिए लोग एक छत से दूसरी छत पर कूदकर जान बचाने की कोशिश कर रहे थे। एक घटना में, ललितपुर के नक्खू नदी में आई बाढ़ के दौरान, 36 वर्षीय चनिकलाल तमांग ने अपनी बहादुरी दिखाते हुए दो लोगों की जान बचाई। पांच लोगों में से उन्होंने दो लोगों को नदी में बहने से बचाया, जबकि बाकी तीन लोग नहीं बच सके। इस वीरता के लिए चनिकलाल की काफी तारीफ की जा रही है।

बाढ़ के कारण नेपाल के कई घर डूब गए हैं और लोग जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं। बचाव दल हेलीकॉप्टर और नावों का उपयोग कर राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। बताया जा रहा है कि 1970 के बाद से नेपाल में इस साल सबसे ज्यादा बारिश हुई है, जिसके कारण यह बाढ़ आई है। मध्य और पूर्वी नेपाल में बीते दो दिनों में भारी बारिश के चलते बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं।

नेपाल सरकार के अनुसार, अब तक 3,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है, लेकिन भूस्खलन और बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पूर्वी काठमांडू के भक्तापुर क्षेत्र में एक मकान ढहने से पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक गर्भवती महिला और चार साल की बच्ची भी शामिल थीं। इसी तरह, पश्चिमी काठमांडू के धाडिंग जिले में हुए भूस्खलन में एक बस दब गई, जिसमें से दो शव निकाले गए हैं। बस में 12 लोग सवार थे, जिनमें से बाकी लापता हैं।

मकवानपुर जिले में ऑल नेपाल फुटबॉल एसोसिएशन के ट्रेनिंग सेंटर में भी भूस्खलन हुआ, जिसमें छह फुटबॉल खिलाड़ियों की मौत हो गई, जबकि अन्य खिलाड़ी बह गए। इसके अलावा, काठमांडू के नक्कू नदी में चार लोग बह गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि बहने वाले लोग घंटों तक मदद की पुकार लगाते रहे, लेकिन कोई उनकी मदद नहीं कर पाया।

काठमांडू घाटी में लोग अपने वाहनों और घरों को बाढ़ में बहते देख रहे हैं। हरि ओम मल्ला, जो एक ट्रक चालक हैं, ने बताया कि शुक्रवार रात को उनका ट्रक बाढ़ के पानी में डूब गया, जिसके बाद उन्हें तैरकर अपनी जान बचानी पड़ी। इसी तरह, बिष्णु माया श्रेठा ने बताया कि इस बार बाढ़ का प्रकोप इतना ज्यादा था कि उन्हें अपने घर की छत तोड़कर बाहर निकलना पड़ा।

नेपाल सरकार ने इस आपदा से निपटने के लिए 10,000 पुलिस अधिकारी, वॉलिंटियर्स और सेना के सदस्यों को राहत और बचाव कार्यों में लगाया है। बाढ़ के कारण देश की जल आपूर्ति, टेलीफोन सेवाएं और बिजली की लाइनें टूट गई हैं। सरकारी प्रवक्ता पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने बताया कि सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और लोगों से अपील की है कि वे गैर-ज़रूरी यात्रा करने से बचें, खासकर काठमांडू घाटी में रात के समय।

हर साल नेपाल में मानसून के दौरान बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं होती हैं, लेकिन इस बार बाढ़ का प्रकोप अधिक है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश की मात्रा में बढ़ोतरी हो रही है, जिसके चलते ऐसी प्राकृतिक आपदाएं अधिक घातक और व्यापक हो रही हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."