नौशाद अली की रिपोर्ट
महाराजपुर की महिला लेखपाल मोनाली सिंह को रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह घटना तब प्रकाश में आई जब विधवा सावित्री ने मोनाली सिंह पर आरोप लगाया कि उनके घर के पुनर्निर्माण के बदले लेखपाल ने 10,000 रुपये की रिश्वत मांगी। सावित्री का कहना था कि लेखपाल ने गांव के दबंगों से मिलकर उनके घर का निर्माण कार्य रुकवा दिया था, जबकि उन्होंने सभी आवश्यक कागजात उपलब्ध कराए थे।
इस मामले में सावित्री की बेटी राधा और लेखपाल के बीच फोन पर हुई बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें लेन-देन की बात स्पष्ट रूप से सुनाई दी। इस ऑडियो के सार्वजनिक होने के बाद, एसडीएम नर्वल ऋषभ वर्मा ने तहसीलदार को मामले की जांच सौंपी। जांच में रिश्वत मांगने की पुष्टि होने पर, एसडीएम ने लेखपाल मोनाली सिंह को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की शुरुआत की।
हालांकि, इस मामले में विजिलेंस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। विजिलेंस ने मोनाली सिंह को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था, लेकिन साक्ष्यों के अभाव का हवाला देकर उन्हें रिहा कर दिया गया।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि विजिलेंस कार्यालय में उन पर समझौते का दबाव बनाया गया और जो रिश्वत की रकम लेखपाल से बरामद की गई थी, उसे वापस दिलवाकर लेखपाल को भगा दिया गया। इस घटना ने विजिलेंस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Author: samachar
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