अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ में हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चंदौली में आयोजित एक समारोह में यह कहा कि कोई भी संत, महात्मा या योगी सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति समाज को अपने आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं, न कि सत्ता के पीछे भागते हैं। योगी आदित्यनाथ ने यह बातें बाबा कीनाराम की जन्मस्थली पर उनके 425वें अवतरण समारोह में कही थीं।
योगी आदित्यनाथ ने बाबा कीनाराम के जीवन के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने अपना जीवन साधना और लोक कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था।
उन्होंने बताया कि बाबा कीनाराम का जन्म एक कुलीन परिवार में हुआ था, और उन्होंने अपनी साधना से अद्वितीय सिद्धियां प्राप्त कीं। हालाँकि, उन सिद्धियों के बाद भी वे अहंकार से दूर रहे और उन्होंने अपनी शक्तियों का उपयोग समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए किया।
मुख्यमंत्री ने बाबा कीनाराम के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने समाज के कमजोर तबकों, जैसे दलितों और आदिवासियों, को मुख्यधारा में लाने का काम किया। उनके प्रयासों ने समाज में एकता और समरसता को बढ़ावा दिया।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि बाबा कीनाराम ने मुगल सम्राट शाहजहां को भी अपने अनुचित कार्यों के लिए फटकार लगाई थी और उसे वहां से भगाने का काम किया था।
मुख्यमंत्री के इस बयान पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग ऐसी बातें कर रहे हैं, वे खुद सत्ता से चिपके हुए हैं और उन्हें किसी और के लिए रास्ता साफ कर देना चाहिए।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा कीनाराम के जीवन और उनके योगदान की सराहना करते हुए यह संदेश दिया कि सच्चे संत और योगी हमेशा समाज के हित में कार्य करते हैं और सत्ता के मोह से दूर रहते हैं। वहीं, अखिलेश यादव ने इस संदर्भ में योगी पर व्यंग्य करते हुए उनकी सत्ता की लालसा पर सवाल उठाया।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."