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November 22, 2024 12:20 am

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मदरसे का कमरा और नोटों की छपाई… चौंक जाएंगे आप इस मौलवी की हरकतों को जानकर

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

प्रयागराज जिले में अगले साल होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियों के बीच एक खतरनाक साजिश का खुलासा हुआ है। 

इस साजिश के तहत नकली नोटों की एक बड़ी खेप को महाकुंभ मेले में खपाने की योजना बनाई गई थी, और इसे अंजाम देने के लिए प्रयागराज के एक मदरसे का इस्तेमाल किया जा रहा था। 

पुलिस ने इस साजिश का पर्दाफाश करते हुए मदरसे में छापा मारा और वहां से नकली नोट छापने के आरोप में मदरसे के मौलवी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया। 

पुलिस की जांच और गिरफ्तारी

प्रयागराज पुलिस को पिछले कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि बाजार में नकली नोट चलाने की कोशिशें की जा रही हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने अपनी जांच शुरू की, जिससे पता चला कि नकली नोट छापने का एक पूरा गैंग सक्रिय है और इस गैंग के तार एक मदरसे से जुड़े हुए हैं। जैसे ही पुलिस ने पर्याप्त सबूत इकट्ठा कर लिए, मदरसे पर छापा मारा गया। 

मदरसे में नकली नोटों की छपाई

जांच में पाया गया कि मदरसे के एक खाली कमरे में नकली नोटों की छपाई की जाती थी। इस साजिश में मदरसे के मौलवी सहित चार लोग शामिल थे, जिन्हें मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया। छापेमारी के दौरान पुलिस को कमरे से स्कैनर, प्रिंटिंग मशीन और 100-100 रुपये के नकली नोट भी मिले, जिन्हें शीट से काटा जाना बाकी था।

इंटेलिजेंस ब्यूरो की जांच

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम भी मदरसे में पहुंची। जांच के दौरान गिरफ्तार लोगों के मोबाइल फोन की ब्राउज़िंग हिस्ट्री में महाकुंभ मेले से जुड़े कई लिंक मिले। 

इससे शक होता है कि नकली नोटों की एक बड़ी खेप महाकुंभ मेले में खपाने की योजना बनाई गई थी, जहां भीड़-भाड़ के कारण लोग बिना चेक किए ही नोट अपने पास रख लेते हैं। मदरसे में विभिन्न राज्यों के बच्चे पढ़ते हैं, जिनका इस्तेमाल इन नोटों को फैलाने के लिए किया जा सकता था।

गिरफ्तार आरोपी और उनका नेटवर्क

गिरफ्तार किए गए लोगों में मदरसे का मौलवी मोहम्मद तफसीरूल आरीफीन, ओडिशा का जाहिर खान, मोहम्मद शाहिद, और मोहम्मद अफजल शामिल हैं। इन आरोपियों की उम्र 18 से 25 साल के बीच है। जाहिर खान चार साल पहले मदरसे में आया था और उसने अपने भाई से नकली नोट बनाने का आइडिया लिया, जो ओडिशा में आधार कार्ड बनाने वाले सेंटर में काम करता है। 

पुलिस अब इनके बैंक अकाउंट और अन्य डिटेल्स की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं इन्होंने किसी बड़े ट्रांजैक्शन को अंजाम तो नहीं दिया।

नकली नोटों की छपाई और वितरण

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे एक दिन में लगभग 20,000 रुपये के नकली नोट छापते थे। इसके बाद इन नोटों को आस-पास के बाजारों में चलाया जाता था। 

चूंकि नोट 100-100 रुपये के होते थे, इसलिए पकड़े जाने की संभावना कम थी। वे एक असली 100 रुपये के नोट के बदले 3 नकली नोट देते थे। पिछले तीन महीनों से यह गैंग सक्रिय था, और इस दौरान उन्होंने लगभग 5 लाख रुपये के नकली नोट बाजार में खपा दिए थे।

इस खुलासे के बाद पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और जांच को और भी गहराई से किया जा रहा है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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