सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पुलिस को भी हिला कर रख दिया है। यह मामला 35 साल के इंटीरियर डिजाइनर तरूण पवार की बेरहमी से हत्या का है। इस हत्या को अंजाम देने में तरूण की प्रेमिका अंजलि, उसके दूसरे प्रेमी पवन और उसके जीजा सहित कई लोग शामिल थे।
घटना का विवरण
तरुण पवार, जो पेशे से इंटीरियर डिजाइनर थे, अचानक गायब हो गए। उनके गायब होने के बाद, तरुण के पिता ने गाजियाबाद के नंदग्राम थाने में उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। पहले तो परिवार ने सोचा कि शायद उनका अपहरण हो गया है, लेकिन पुलिस जांच के दौरान जो खुलासे हुए, वे बेहद चौंकाने वाले थे।
जांच में पता चला कि तरुण की हत्या कर दी गई थी, और वह भी इतनी क्रूरता से कि उनका पूरा शव तक नहीं मिल सका। हत्यारों ने पहले तरुण को घंटों तक पीटा और फिर जब वह बेहोश हो गए, तो उनका गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद, उनके शरीर के हिस्सों को काटकर अलग-अलग नहरों में फेंक दिया गया। तरुण के शरीर के टुकड़ों में से केवल उनके पैर ही बरामद हो सके हैं।
हत्या की योजना और उसमें शामिल लोग
इस हत्या की साजिश तरुण की प्रेमिका अंजलि, उसके प्रेमी पवन और उसके जीजा वंश ने मिलकर रची थी। उन्होंने तरुण को इंटीरियर के काम के बहाने बुलाया। इसके लिए एक नए नंबर का इस्तेमाल किया गया, जिसे बाद में नष्ट कर दिया गया।
तरुण को गाजियाबाद के मोरटा इलाके के एक कमरे में बुलाया गया, जहां पहले से ही अंजलि, पवन और उनके साथी मौजूद थे। वहां, पहले तरुण की पिटाई की गई और फिर उनकी हत्या कर दी गई।
हत्या के बाद, तरुण की कार को एक अस्पताल की पार्किंग में खड़ा कर दिया गया और उनके शरीर के हिस्सों को बुलंदशहर के पास नहरों में फेंक दिया गया।
पुलिस की कार्रवाई
इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि तरुण के शव के तीन टुकड़े किए गए थे, जिसमें से केवल एक पैर ही बरामद हुआ है।
पुलिस ने मामले की जांच में तेजी लाते हुए अंजलि, पवन और वंश को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, इस घटना में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, और पुलिस जांच जारी रखते हुए आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की कोशिश में जुटी है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."