ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
लखीमपुर की रहने वाली कल्पना वर्मा इस रक्षाबंधन पर अपने भाई को राखी बांधने के लिए ससुराल से मायके के लिए निकली थीं।
हर भाई के लिए यह त्यौहार खास होता है, और बहनें बड़े प्यार और उम्मीदों के साथ इस दिन को मनाने की तैयारी करती हैं। कल्पना ने भी हर साल की तरह इस साल भी बड़ी उत्सुकता से राखी का पर्व मनाने की सोची थी। उन्होंने हरी साड़ी पहनी, हाथों में मेहंदी लगाई और चटख लाल रंग की चूड़ियां पहनकर अपने मायके के लिए निकल पड़ीं। लेकिन कल्पना को यह कभी नहीं पता था कि इस यात्रा के बाद वह अपने भाई के हाथ में राखी कभी नहीं बांध पाएंगी।
कल्पना ने घर जाने के लिए एक ई-रिक्शा लिया, जिसमें पहले से ही 4-5 सवारियां थीं। सब कुछ सामान्य ही चल रहा था, लेकिन जब वे खमरिया थाना क्षेत्र में नेशनल हाईवे 730 पर बैबहा गांव के पास पहुंचीं, तब अचानक सामने से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने रिक्शे को जोरदार टक्कर मार दी।
इस भीषण टक्कर से ई-रिक्शा पलट गया और अन्य सवारियां दूर जाकर गिरीं। इस हादसे में कल्पना का दाहिना हाथ कोहनी से कटकर अलग हो गया।
हादसे के बाद चारों ओर चीख-पुकार मच गई। यह दृश्य देखकर आसपास के लोग तुरंत मदद के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने कल्पना के कटे हुए हाथ को कपड़े से बांधा और खून रोकने की कोशिश की, लेकिन कल्पना अपने कटे हाथ को देखकर खुद को संभाल नहीं पा रही थी। वह बार-बार चीखकर कह रही थी, “भइया! हमको बचा लो। मेरा हाथ कट गया, हमें बचा लीजिए।” इस हादसे में ई-रिक्शा ड्राइवर सुशील कुमार को भी गंभीर चोटें आई हैं। फिलहाल, कल्पना की हालत गंभीर बनी हुई है, और उनका इलाज चल रहा है।
यह दर्दनाक घटना एक खुशहाल और हर्षोल्लास से भरे त्यौहार के दिन को एक गहरे दुःख में बदल गई। कल्पना, जो इस रक्षाबंधन पर अपने भाई के हाथ में राखी बांधने की सोच रही थी, अब एक भयंकर हादसे का शिकार हो गई है, जिसने उसके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."