सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रक्षा बंधन के अवसर पर एक नई पहल का ऐलान किया, जिसे ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ का नाम दिया गया है।
अखिलेश यादव ने इस पहल की घोषणा करते हुए कहा कि यह ‘आधी आबादी की पूरी आज़ादी’ के अभियान की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि रक्षा बंधन जैसा पवित्र पर्व इस अभियान को आरंभ करने के लिए सबसे उपयुक्त समय है, लेकिन यह सिर्फ एक दिन का पर्व नहीं होगा।
यह अभियान हर दिन, हर जगह सक्रिय रहेगा और महिलाओं की सुरक्षा, उनके आर्थिक सशक्तिकरण और समाज में उनके प्रति दृष्टिकोण को बदलने की दिशा में एक बड़ा सामाजिक और मानसिक बदलाव लाएगा।
अखिलेश यादव ने इस अभियान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ का गठन महिलाओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता देने के लिए किया गया है।
यह पहल नारी के प्रति समाज में व्याप्त रूढ़िवादी सोच को बदलने का प्रयास करेगी और महिलाओं को समाज में अधिक समावेशी विकास का हिस्सा बनाने का काम करेगी।
उन्होंने कहा कि यह अभियान महिलाओं के मुद्दों पर केवल औपचारिकता निभाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि ठोस कदम उठाते हुए महिलाओं के आत्मविश्वास और उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कार्य करेगा।
अखिलेश यादव ने समाज के सभी वर्गों से इस पहल में शामिल होने और महिलाओं को सशक्त बनाने में योगदान देने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि जिस दिन ‘नारी की आज़ादी’ को देश की आज़ादी के बराबर माना जाएगा, उस दिन आधी आबादी की पूरी आज़ादी हासिल होगी।
अखिलेश यादव का यह बयान और पहल समाज में महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."