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November 22, 2024 3:49 am

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बीजेपी सांसद अरुण गोविल फहराने लगे झंडा तो हाथ रह गया सिर्फ डंडा… ध्वजारोहण के दौरान असहज पल👇वीडियो

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

पूरा देश 78वां स्वतंत्रता दिवस पूरे जोश और गर्व के साथ मना रहा है। इस विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया और देशवासियों को संबोधित किया। इसके साथ ही, सभी केंद्रीय मंत्रियों ने अपने-अपने आवास पर तिरंगा फहराकर इस महत्वपूर्ण दिन का सम्मान किया। बीजेपी के सांसद भी अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों में ध्वजारोहण के कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे।

इस बीच, उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक ऐसी घटना सामने आई जिसने सभी को चौंका दिया। 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि मेरठ के बीजेपी सांसद अरुण गोविल ध्वजारोहण कर रहे थे। 

इस दौरान तिरंगा पोल से अचानक नीचे गिरने लगा, लेकिन मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने तिरंगे को जमीन पर गिरने से बचा लिया। इस घटना के दौरान अरुण गोविल भी असहज हो गए, जिसका असर उनके हावभाव में साफ देखा जा सकता है। 

अरुण गोविल: रामायण के राम से सांसद तक का सफर

अरुण गोविल का नाम भारतीय टेलीविजन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है, खासकर ‘रामायण’ धारावाहिक में राम की भूमिका निभाने के लिए। इस किरदार ने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया। 

इस बार भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें उत्तर प्रदेश के मेरठ लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया, जहां उन्होंने कड़े मुकाबले में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को हराकर अपनी पहली चुनावी जीत दर्ज की और पहली बार सांसद बने। 

राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान: किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है

राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगा, हमारे देश की शान और सम्मान का प्रतीक है, और इसे फहराते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। 

तिरंगा कभी भी झुकना नहीं चाहिए और न ही यह जमीन से टच होना चाहिए। इसके अलावा, ध्वज पर किसी भी प्रकार की लिखावट नहीं होनी चाहिए और इसे किसी ड्रेस या यूनिफॉर्म के हिस्से के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। 

तिरंगे की डिजाइन को किसी तकिए, रूमाल या अन्य वस्त्र पर उपयोग करना भी तिरंगे का अपमान माना जाता है। ध्वज का उपयोग किसी मूर्ति या इमारत को ढंकने के लिए भी नहीं किया जा सकता।

इस घटना का महत्व

मेरठ की इस घटना ने तिरंगे के सम्मान और उसकी गरिमा के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। तिरंगे का हर भारतीय के दिल में विशेष स्थान होता है और इसका अपमान अस्वीकार्य है। 

इस प्रकार की घटनाएँ हमें यह याद दिलाती हैं कि हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करना और उनकी गरिमा बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। 

अरुण गोविल की असहजता भी इस बात को दर्शाती है कि वे तिरंगे के प्रति कितने संवेदनशील हैं, और इस घटना ने उन्हें भी प्रभावित किया। 

इस स्वतंत्रता दिवस पर, यह घटना हमें तिरंगे के प्रति हमारे सम्मान को और मजबूत करने की प्रेरणा देती है। राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को बनाए रखना हर नागरिक का दायित्व है, और हमें इस दायित्व का पालन हर हाल में करना चाहिए।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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