मोहन द्विवेदी की रिपोर्ट
बांग्लादेश की सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री मानी जाने वाली शेख हसीना का दिनदहाड़े तख्तापलट हो गया।हसीना को ना सिर्फ अपनी कुर्सी गंवानी पडी, बल्कि प्रधानमंत्री आवास से तुरंत निकलना पड़ा और देश छोड़ना पड़ा।
दुनिया में करीब 200 देश हैं। लेकिन उनको संकट में भारत याद आया। ऐसा इसलिए हुआ कि आधी सदी का बांग्लादेश का इतिहास यही बताता है कि हर संकट में सहयोग का संबल भारत ने ही दिया है।
बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच अभी तक यह फैसला नहीं हो पाया है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना कौन से देश मे शरण लेने वाली हैं।
ब्रिटेन जाना भी क्यों हुआ मुश्किल?
ऐसी जानकारी है कि शेख हसीना ब्रिटेन जाना चाहती हैं। वहां पर पहले से ही उनकी बहन की बेटी ट्यूलिप सिद्दीकी लेबर पार्टी की सांसद है, ऐसे में हसीना को उम्मीद है कि आसानी से उन्हें वहां पर शरण मिल सकती है। लेकिन अब पता यह चल रहा है कि ब्रिटेन में भी शरण लेना शेख हसीना के लिए इतना आसान नहीं रहने वाला है।
ऐसी खबर है कि ब्रिटेन ने साफ कर दिया है कि अभी इस समय क्योंकि हसीना के पास कोई वीजा नहीं है, ऐसे में इस तरह से उन्हें शरण नहीं दी जा सकती।
शेख हसीना ने ढाका छोड़ने के बाद ब्रिटेन जाने का विचार किया था, लेकिन ब्रिटेन के आव्रजन नियमों के कारण यह संभव नहीं हो सका। ब्रिटेन में शरण के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया काफी जटिल है।
ब्रिटेन के नियमों के तहत, कोई भी व्यक्ति केवल तभी शरण का दावा कर सकता है जब वह ब्रिटेन में हो। इसके अलावा, शेख हसीना के पास डिप्लोमेटिक वीजा नहीं था, इसलिए उनकी ब्रिटेन में एंट्री भी संभव नहीं थी। ब्रिटेन में किसी व्यक्ति को असायलम या शरण केवल तब मिल सकता है जब वह ब्रिटेन के भीतर हो और वहां पहुंचने से पहले किसी अन्य देश में शरण प्राप्त नहीं की हो।
शेख हसीना के लिए ब्रिटेन और अमेरिका दोनों ही विकल्प बंद हो गए हैं। अमेरिका ने उनका वीजा रद्द कर दिया है, जिससे अमेरिका का रास्ता भी बंद हो गया है। इसके बाद शेख हसीना को अन्य देशों के विकल्पों पर विचार करना पड़ रहा है।
भारत में पहुंचने के बाद, हसीना ने भारत को अपने भावी कदमों की जानकारी दी है। उनके परिवार के सदस्य फिनलैंड में भी हैं, और इसलिए वह फिनलैंड की ओर जाने का विचार कर रही हैं।
इसके अलावा, शेख हसीना संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बेलारूस, कतर, सऊदी अरब और अन्य देशों पर भी विचार कर रही हैं।
ब्रिटेन जाने की योजना की कई वजहें थीं। पहली वजह यह कि उनकी बहन रेहना के पास ब्रिटिश नागरिकता थी और उनके रिश्तेदारों ने उन्हें ब्रिटेन में समर्थन प्रदान किया था।
दूसरी वजह यह थी कि रेहना की बेटी ट्यूलिप सिद्दिक ब्रिटिश संसद की सदस्य हैं और लेबर पार्टी में आर्थिक सचिव के पद पर हैं। ब्रिटेन ने शेख हसीना के पिता, शेख मुजीबुर रहमान को 1972 में पाकिस्तानी जेल से रिहा होने के बाद शरण देने का प्रस्ताव दिया था, जिससे हसीना को लगता था कि ब्रिटेन उनके लिए सबसे सुरक्षित विकल्प होगा।
हालांकि, ब्रिटेन के नियमों के कारण यह संभव नहीं हो सका। अब शेख हसीना को भारत में ही रहने की संभावना है और वे विभिन्न देशों के विकल्पों पर विचार कर रही हैं।
बांग्लादेश से क्यों भागीं शेख हसीना?
बता दें कि सोमवार को बांग्लादेश छोड़कर शेख हसीना भारत आ गई थीं। प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद हसीना सी-130जे सैन्य परिवहन विमान से सोमवार को हिंडन एयरबेस पर पहुंचीं। इसके बाद उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है।
सरकार का कहना है कि शेख हसीना ने कुछ वक्त के लिए भारत आने की अनुमति मांगी थी। अवामी लीग की नेता शेख हसीना की भारत के रास्ते लंदन जाने की योजना थी और उनके सहयोगियों ने हिंडन पहुंचने से पहले भारतीय अधिकारियों को इस बारे में सूचित कर दिया था।
शेख हसीना (76) ने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शनों के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। यह विरोध-प्रदर्शन नौकरी में आरक्षण के प्रावधान के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन कुछ ही हफ्तों बाद यह एक बड़े आंदोलन में बदल गया और हसीना को सत्ता से हटाने की मांग शुरू हो गई थी।
जानिए क्या US से बिगड़े हैं संबंध?
माना जा रहा है कि बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना अपने कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश और अमेरिका के बीच संबंध अच्छे नहीं थे, जिसके कारण उनको अब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान शेख हसीना ने अमेरिका को मिलेट्री बेस बनाने के लिए आइलैंड देने से भी साफ इनकार कर दिया था।
क्या शेख हसीना को ब्रिटेन में मिल सकती है पनाह?
ऐसी जानकारी है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत से लंदन जा सकती हैं। हालांकि, अभी तक क्लियरेंस नहीं मिल पाने की वजह से शेख हसीना अपनी बहन शेख रेहाना के साथ भारत में ही हैं। इस बीच ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने एनडीटीवी से बातचीच में कहा, “हमारे पास जरूरतमंद लोगों को सुरक्षा मुहैया करने का अच्छा रिकॉर्ड है। लेकिन हमारे इमिग्रेशन नियमों में किसी के लिए शरण या अस्थायी शरण को लेकर यूके की यात्रा करने का कोई प्रावधान नहीं है।
ऐसे में जिन लोगों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की जरूरत है, उन्हें पहले उसी देश में शरण की गुहार लगानी चाहिए, जहां वो अपना देश छोड़कर पहुंचे हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."