अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में हाथरस कांड का दर्द शायद ही कोई कभी भूल पाए। अब सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं, क्योंकि अखाड़ा परिषद फर्जी संतों पर एक्शन लेने की तैयारी में है।
18 जुलाई को होने वाली बैठक में फर्जी संतों पर नकेल कसने की कोशिशें जारी हैं, और अखाड़ा परिषद उन बाबाओं और कथावाचकों के नाम सार्वजनिक कर सकता है जिन्होंने चमत्कार दिखाकर खुद को संत साबित करने की कोशिश की है।
अखाड़ा परिषद का पहला फैसला प्रयागराज महाकुंभ में होगा, जहां इन फर्जी संतों को कोई स्थान नहीं मिलेगा और उन्हें महाकुंभ के मंच पर जगह भी नहीं दी जाएगी।
अखाड़ा परिषद का मानना है कि ऐसे संत चमत्कार का झूठा दावा करके संत समाज को बदनाम करते हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत रवींद्रपुरी ने कहा है कि 18 जुलाई को जिला प्रशासन के साथ पहले बैठक होगी, फिर निर्णय लिया जाएगा।
देश में फर्जी बाबाओं की बाढ़ आ गई है। करोली सरकार से लेकर सतपाल जाटव तक, जो भी मन होता है, वही चमत्कार करने का दावा कर रहा है।
कई जगहों पर चौकियां बैठाई जा रही हैं और दावा किया जा रहा है कि उनके सिर पर सीधे देवी मां आती हैं। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि वे ही हनुमान जी हैं।
सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं। सनातन धर्म वैदिक सभा के अध्यक्ष पंडित अरविंद पांडेय कहते हैं कि ऐसे संतों के खिलाफ कड़े नियम बनाने की जरूरत है और फर्जी संतों पर कार्रवाई होनी चाहिए। ये लोग वेद विरुद्ध बातें करते हैं और लोकहित के खिलाफ आचरण करते हैं।
सनातन धर्म वैदिक सभा के अध्यक्ष अरविंद पांडेय बताते हैं कि धर्म, चमत्कार नहीं है। चमत्कार जादूगर करते हैं। ऐसे फर्जी संतों पर आस्था दिखाकर लोग धर्म विरुद्ध काम कर रहे हैं, जिसकी वजह से सनातन धर्म बदनाम हो रहा है।
अखाड़ा परिषद के पंच परमेश्वर में शामिल महंत दुर्गादास का भी कहना है कि फर्जी लोगों की सूची प्रशासन को दी जाएगी, जिसके जरिए इनके नाम सार्वजनिक किए जाएंगे।
Author: samachar
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