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November 22, 2024 8:41 am

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इशारों में कत्ल… .. पति के पैसे से पति की दी सुपारी….कांप उठेंगे इस वारदात को सुनकर

10 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

क्या आपने कभी इशारों में कत्ल होते देखा है? या यूं कहें कि इशारों पर कत्ल होते देखा है? अगर नहीं, तो हम आपको एक ऐसी दास्तान सुनाने जा रहे हैं, जिसमें एक इशारे पर ही एक कत्ल होना था। अफसोस की बात यह है कि इस इशारे को समझने में पुलिस को पूरे ढाई साल का वक्त लग गया। यह सच्ची कहानी आपको हैरान कर देगी।

इशारा मिलते ही मकतूल का काम तमाम

हम अक्सर लोगों को इशारों में बातें करते देखते हैं। लेकिन क्या आपने कभी किसी को किसी का कत्ल करने के लिए इशारा करते देखा है? शायद नहीं, क्योंकि आम तौर पर हमारे इर्द-गिर्द क़ातिल नहीं होते। लेकिन, कभी-कभी हममें से ही कोई अचानक किसी का कत्ल कर देता है। तो आज हम आपको एक ऐसे सीसीटीवी फुटेज की कहानी बताने जा रहे हैं, जो अगर कैमरे में रिकॉर्ड ना हुआ होता, तो कोई विश्वास ही नहीं कर पाता कि इस कत्ल का असली मास्टरमाइंड वही है, जिसके इशारे पर शूटर ने मकतूल का काम तमाम कर दिया।

15 दिसंबर 2021, पानीपत

इस फुटेज की तस्वीरें हरियाणा के पानीपत की घेर अरैया कॉलोनी की हैं, और तारीख है 15 दिसंबर 2021। एक शख्स गलियों से पैदल चलता हुआ एक मकान की तरफ बढ़ता है। वह तेजी से चलता हुआ मकान का दरवाजा खोलता है और अंदर दाखिल हो जाता है। यह शूटर है, जो अभी-अभी किसी की जान लेने वाला है। ऐसे किसी आदमी के इस तरह मकान के अंदर घुसने से उस मकान में रहने वाले लोगों का रिएक्शन क्या होगा, यह समझना मुश्किल नहीं है। लोग चीखेंगे-चिल्लाएंगे, या फिर उस अजनबी से उसके आने की वजह पूछेंगे। लेकिन यहाँ मंजर बिल्कुल उल्टा दिखता है।

महज 23 सेकंड की इशारों वाली बातचीत

शूटर मकान के अंदर घुसता है और किचन से उस घर की एक महिला उसे देखती है। दोनों इशारों में बातें करते हैं। ध्यान से देखने पर पता चलता है कि शूटर उसे क्या इशारा करता है और बदले में वह महिला शूटर को क्या इशारा करती है। इशारों वाली यह गुफ्तगू महज 23 सेकंड की होती है। और इसी 23 सेकंड की इशारेबाजी में कत्ल की एक ऐसी भयानक साजिश का सच छुपा होता है, जिसका पता लगाने में पुलिस को पूरे ढाई साल लग गए। वह भी तब जब कत्ल की यह वारदात पहले ही दिन सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी थी।

साजिश का पर्दाफाश

जब पुलिस ने इस फुटेज को देखा, तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया। लेकिन ढाई साल बाद जब पुलिस ने दोबारा इस फुटेज को गहराई से जांचा, तब जाकर उन्हें साजिश की तह में जाने का मौका मिला। उस इशारेबाजी में ही सारी साजिश छुपी थी। महिला के इशारे पर शूटर ने मकतूल का काम तमाम कर दिया था। 

इस पूरी घटना ने यह साबित कर दिया कि कभी-कभी साजिशें इतनी गहरी और जटिल होती हैं कि उन्हें समझने में समय लग जाता है। इशारों में हुई इस हत्या की कहानी न केवल हैरान करने वाली है, बल्कि यह भी बताती है कि अपराधी कितनी चतुराई से अपने काम को अंजाम देते हैं। इस साजिश ने पुलिस को भी सकते में डाल दिया और यह कहानी हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई।

पत्नी के इशारे पर पति का कत्ल

इसे इत्तेफाक कहें या कुछ और, लेकिन सीसीटीवी फुटेज होते हुए भी पुलिस इस मामले की पूरी कहानी को समझने में असमर्थ रही, या फिर कहें कि समझने में उन्हें काफी वक्त लग गया। शुरुआती जांच में पुलिस ने केवल गोली चलाने वाले कातिल को गिरफ्तार किया था, लेकिन जब ढाई साल बाद इस केस की पुनः जांच हुई, तब जाकर सच्चाई सामने आई। गोली चलाने वाला तो महज एक मोहरा था, असली कातिल तो घर के अंदर छुपी महिला थी, जिसने एक इशारे में ही अपने पति का कत्ल करवा दिया।

ऑस्ट्रेलिया से आए मैसेज ने रिओपन कराया केस

इस मर्डर मिस्ट्री का सच शायद कभी सामने नहीं आता, अगर ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले इस परिवार के एक सदस्य ने पुलिस को मैसेज करके इस वारदात में घर की महिला के शामिल होने की जानकारी नहीं दी होती। उसने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज की सच्चाई बताई और यह भी कहा कि महिला ने ही अपने पति का कत्ल करवाया है। 

विनोद बराड़ा को ट्रक ने मारी थी टक्कर

इस कहानी की शुरुआत 5 अक्टूबर 2021 से होती है। पानीपत के सुखदेव नगर इलाके में रहने वाला विनोद बराड़ा, जो एक कंप्यूटर इंस्टीट्यूट चलाता था, अपनी कॉलोनी के गेट के पास बैठा था। दुर्भाग्यवश, एक तेज रफ्तार मिनी ट्रक ने उसे जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि विनोद की दोनों टांगें टूट गईं और उसे अस्पताल में लंबा वक्त बिताना पड़ा। पुलिस ने उस ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया, जिसने विनोद को टक्कर मारी थी। यह ड्राइवर पंजाब के बठिंडा का रहने वाला देव सुनार उर्फ दीपक था।

आरोपी ड्राइवर बना रहा था समझौते का दबाव

लेकिन इस हादसे के ठीक 15 दिन बाद, ट्रक ड्राइवर दीपक अचानक पानीपत में विनोद के घर आ पहुंचा और उसने विनोद से समझौता करने की गुजारिश की। उसने विनोद से कहा कि वह केस वापस ले ले। विनोद का गुस्सा कहें या कुछ और, उसने केस वापस लेने से मना कर दिया। लेकिन विनोद का यही इनकार उसकी जिंदगी पर भारी पड़ जाएगा, यह किसी ने सोचा नहीं था।

इशारा मिलते ही मकतूल का काम तमाम

15 दिसंबर 2021 को पानीपत के घेर अरैया कॉलोनी में सीसीटीवी कैमरे ने एक ऐसी घटना को कैद किया, जो पहली नजर में समझ से परे थी। एक शख्स गलियों से चलता हुआ तेजी से एक मकान के दरवाजे पर पहुंचता है और अंदर घुस जाता है। अंदर जाने पर वह शूटर और घर की महिला के बीच इशारों में 23 सेकंड की बातचीत होती है। इस इशारे पर ही शूटर ने मकतूल का काम तमाम कर दिया।

क्यों कराया पत्नी ने पति का कत्ल?

इस मामले की गहराई में जाने पर पता चला कि घर की बहू ने ही अपने पति का कत्ल क्यों कराया। यह सवाल महत्वपूर्ण है। क्या पति-पत्नी के बीच कोई पुरानी दुश्मनी थी? क्या शूटर ने घर में घुसकर गोली मारने और पकड़े जाने का खतरा इसलिए मोल लिया क्योंकि वह महिला के किसी बड़े राज का हिस्सा था?

दीपक ने घर में घुसकर विनोद को मारी थी गोली

विनोद के समझौते से इनकार करने के ठीक 56 दिन बाद यानी 15 दिसंबर 2021 को एक भयानक वारदात हुई। एक्सीडेंट का आरोपी ड्राइवर दीपक अचानक फिर से समझौते के बहाने विनोद के घर पहुंचा। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, दीपक ने घर में प्रवेश करते ही अंदर से दरवाजे की कुंडी लगा ली। इस बार उसके हाथ में पिस्तौल थी। घर में घुस आए इस शख्स को देखकर विनोद की पत्नी और बच्चे शोर मचाने लगे। पड़ोसी भी आ पहुंचे, लेकिन दरवाजा बंद होने के कारण वे तुरंत कोई मदद नहीं कर सके। इस बीच, ड्राइवर दीपक ने विनोद के सिर और कमर में बिल्कुल करीब से गोली मार दी, जिससे विनोद की मौके पर ही मौत हो गई।

दीपक के खिलाफ IPC की धारा 307 और 302 का केस

चूंकि यह वारदात सबकी आंखों के सामने हुई थी, कातिल के पास भागने का कोई रास्ता नहीं था। लोगों ने उसे दबोच लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। अब पुलिस दीपक को एक बार फिर गिरफ्तार कर चुकी थी। उस पर दो अलग-अलग केस दर्ज हो चुके थे। एक्सीडेंट कर जाने की कोशिश का केस यानी आईपीसी की धारा 307 का मुकदमा, जबकि इस बार किए गए क़त्ल का केस यानी आईपीसी की धारा 302 का मुकदमा। 

जाहिर है, यह मामला अब तक बिल्कुल ओपन एंड शट केस था, जिसमें कोई भी रहस्य जैसी बात नहीं थी। क़ातिल पकड़े जाने के बाद अपना जुर्म कबूल चुका था। उसका कहना था कि चूंकि विनोद ने एक्सीडेंट के मामले में उससे समझौते से इनकार कर दिया, इसलिए उसने विनोद की हत्या कर दी।

पुलिस ने की पुनः जांच

यह मामला यहीं समाप्त हो जाता, अगर परिवार के एक सदस्य ने पुलिस को एक महत्वपूर्ण सुराग नहीं दिया होता। ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले परिवार के एक सदस्य ने पुलिस को मैसेज किया और बताया कि विनोद की पत्नी के व्यवहार में कुछ अजीब बात है और शायद वह इस वारदात में शामिल हो सकती है। इस सूचना के बाद पुलिस ने मामले की पुनः जांच शुरू की।

सीसीटीवी फुटेज में छुपा था राज़

पुलिस ने जब फिर से सीसीटीवी फुटेज की जांच की, तो उन्होंने देखा कि वारदात के दौरान विनोद की पत्नी और दीपक के बीच इशारों में बातचीत हो रही थी। इस इशारेबाज़ी में ही कत्ल की साजिश का पूरा सच छुपा था, जिसे समझने में पुलिस को ढाई साल लग गए। पुलिस ने पाया कि विनोद की पत्नी ने ही दीपक को इशारा किया था, जिसके बाद दीपक ने विनोद की हत्या कर दी।

पत्नी के इशारे पर पति का कत्ल

जांच के बाद यह साफ हो गया कि विनोद की पत्नी ने ही दीपक को अपने पति की हत्या के लिए उकसाया था। दीपक महज एक मोहरा था, असली साजिशकर्ता विनोद की पत्नी थी। उसने अपने ही पति का कत्ल करवाने के लिए दीपक को इशारा किया था।

साजिश का पर्दाफाश

इस मर्डर मिस्ट्री का खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने ऑस्ट्रेलिया से मिले मैसेज के आधार पर मामले की पुनः जांच की। इस साजिश का पर्दाफाश होते ही पुलिस ने विनोद की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ भी हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।

सच्चाई सामने आने में लगा वक्त

इस कहानी की सच्चाई जानने के लिए पुलिस को कई सवालों के जवाब खोजने पड़े। आखिरकार, यह साबित हुआ कि कभी-कभी साजिशें इतनी गहरी होती हैं कि उन्हें समझने में वक्त लगता है। इशारों में हुई इस हत्या ने सबको सकते में डाल दिया और यह कहानी हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई।

SP के मोबाइल पर आया था मैसेज

विनोद मर्डर केस को हुए अब करीब ढाई साल बीत चुके थे। इस दौरान, पुलिस ने इस मामले को लगभग सुलझा हुआ मान लिया था। लेकिन हाल ही में, पानीपत के पुलिस अधीक्षक (SP) अजीत सिंह शेखावत के मोबाइल फोन पर ऑस्ट्रेलिया से अचानक एक व्हाट्सएप मैसेज आया। इस मैसेज में विनोद मर्डर केस का जिक्र करते हुए लिखा गया था कि इस केस का गुनहगार अकेला ड्राइवर दीपक ही नहीं है, बल्कि विनोद के करीबी लोग यानी घरवाले भी इस साजिश में शामिल हैं और इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। कहते हैं, समझदार को इशारा काफी होता है।

सुमित के संपर्क में था आरोपी ड्राइवर दीपक

पुलिस ने इस मामले की नए सिरे से जांच शुरू की। सीआईए थ्री की टीम ने आरोपी दीपक के बारे में जानकारी जुटाने के साथ-साथ उसके मोबाइल फोन की डिटेल्स निकालीं। पता चला कि बठिंडा का रहने वाला ड्राइवर दीपक हरियाणा के गोहाना के रहने वाले सुमित नामक शख्स से लगातार संपर्क में था। दीपक तो खैर ढाई साल पहले ही गिरफ्तार हो चुका था, लेकिन अब सुमित भी पुलिस की रडार में आ चुका था। 

पुलिस ने सुमित पर रखी नज़र

पुलिस ने बड़ी खामोशी से सुमित के बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया। सुमित की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए टीम तैनात की गई। इसके साथ ही, पुलिस ने सुमित के फोन रिकॉर्ड और कॉल डिटेल्स की जांच की। 

जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि सुमित और विनोद की पत्नी के बीच भी लगातार संपर्क था। दोनों के बीच हुई बातचीत ने मामले को और भी संदिग्ध बना दिया। धीरे-धीरे पुलिस को यकीन हो गया कि विनोद की हत्या में सुमित और विनोद की पत्नी दोनों शामिल थे।

सीसीटीवी फुटेज की पुनः जांच

पुलिस ने पुराने सीसीटीवी फुटेज की पुनः जांच की। इस बार, उन्होंने फुटेज में मौजूद सभी लोगों के हावभाव और हरकतों पर गहराई से नज़र डाली। विनोद की पत्नी और दीपक के बीच इशारों में हुई बातचीत को ध्यान से देखा गया। इसमें साफ दिखा कि विनोद की पत्नी ने दीपक को इशारा किया था, जिसके बाद दीपक ने विनोद को गोली मार दी।

इस नए सुराग और ऑस्ट्रेलिया से मिले मैसेज के आधार पर पुलिस ने विनोद की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान, उसने स्वीकार किया कि उसने सुमित के साथ मिलकर विनोद की हत्या की साजिश रची थी। सुमित को भी पुलिस ने धर दबोचा और दोनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

विनोद मर्डर केस में पुलिस ने ढाई साल बाद मामले की सच्चाई का खुलासा किया। एक व्हाट्सएप मैसेज ने इस केस को फिर से खोलने का संकेत दिया और गहराई से जांच करने पर पता चला कि इस साजिश में विनोद की पत्नी और सुमित शामिल थे। इस घटना ने साबित कर दिया कि कभी-कभी मामूली सुराग भी बड़े रहस्यों का पर्दाफाश कर सकते हैं।

निधि और सुमित के बीच होती थी लंबी बातचीत

जब पुलिस ने मामले की जांच को नए सिरे से शुरू किया, तो उन्होंने पाया कि सुमित और विनोद की पत्नी निधि के बीच काफी लंबी और बार-बार बातचीत होती थी। यह जानकारी पुलिस के लिए चौंकाने वाली थी। सुमित को हिरासत में लेने के बाद, उसने न केवल कत्ल में अपना हाथ होने की बात कबूल की, बल्कि यह भी खुलासा किया कि यह कत्ल उसने खुद विनोद की पत्नी निधि के कहने पर करवाया था। इस साजिश में निधि भी पूरी तरह से शामिल थी।

खूनी साज़िश का प्लान ‘बी’

अब सवाल यह उठता है कि आखिर निधि ने सुमित के साथ मिलकर अपने ही पति विनोद का कत्ल क्यों कराया? पति-पत्नी में किसी तरह का कोई विवाद नहीं था। इसके अलावा, निधि और सुमित एक-दूसरे को कैसे जानते थे? और अगर सुमित और निधि ही इस क़त्ल के पीछे थे, तो फिर ट्रक ड्राइवर दीपक ने अकेले विनोद का क़त्ल करने का दोष अपने सिर पर क्यों ले लिया? इन सवालों के जवाब में साजिश का प्लान ‘बी’ सामने आता है।

निधि ने प्रेमी के साथ मिलकर दी थी पति की सुपारी

ढाई साल बाद ही सही, क़त्ल का यह ओपन एंड शट केस अब एक पेचीदा मर्डर मिस्ट्री में तब्दील हो चुका था। इस कत्ल का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि खुद मकतूल की बीवी थी। दरअसल, निधि ने सुमित के साथ मिलकर अपने पति विनोद के कत्ल की साजिश रची थी। उसने न केवल अपने पति के नाम की सुपारी दी, बल्कि इस इल्जाम से बचने के लिए एक दूसरा प्लान भी तैयार किया। यहां तक कि वह अपने पति के कातिल के घर का पूरा खर्च भी उठाने को तैयार थी। 

आखिर निधि ने अपने पति का कत्ल क्यों कराया?

निधि और सुमित के बीच के रिश्ते का खुलासा हुआ। दोनों एक-दूसरे को पहले से जानते थे और उनके बीच एक प्रेम संबंध था। निधि अपने पति से छुटकारा पाना चाहती थी ताकि वह सुमित के साथ रह सके। इसलिए उसने सुमित के साथ मिलकर विनोद की हत्या की योजना बनाई। 

इस साजिश में सुमित ने दीपक को शामिल किया, जिसने पहले ट्रक एक्सीडेंट के माध्यम से विनोद को मारने की कोशिश की। जब यह योजना असफल रही, तो उन्होंने विनोद के घर में घुसकर उसे गोली मार दी। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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