दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग और उससे जुड़ी बिजली कटौती पर बीजेपी सरकार की कड़ी आलोचना की है। अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 24 घंटे बिजली आपूर्ति के दावे को खोखला बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य में भीषण गर्मी और लू के बीच बिजली और पानी का संकट गहराता जा रहा है, जिससे लाखों परिवार परेशान हैं। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी सरकार पर बिजली दरें दोगुनी करने और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग दरें लागू करके जनता पर अतिरिक्त भार डालने का आरोप लगाया है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग और उससे जुड़ी बिजली कटौती पर बीजेपी सरकार की कड़ी आलोचना की है। अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 24 घंटे बिजली आपूर्ति के दावे को खोखला बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य में भीषण गर्मी और लू के बीच बिजली और पानी का संकट गहराता जा रहा है, जिससे लाखों परिवार परेशान हैं। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी सरकार पर बिजली दरें दोगुनी करने और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग दरें लागू करके जनता पर अतिरिक्त भार डालने का आरोप लगाया है।
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि बिजली की दरों में वृद्धि और अनियमित आपूर्ति के कारण लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिजली की कटौती के कारण न सिर्फ घरों में रहने वाले लोगों को, बल्कि छोटे उद्योगों और व्यापारियों को भी भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार जनहित की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है और जनता की परेशानियों को कम करने के बजाय बिजली दरें बढ़ाकर उनकी मुश्किलें बढ़ा रही है।
सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते जनता का सरकार से विश्वास उठता जा रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार जल्द से जल्द बिजली की समस्याओं का समाधान करे और बिजली दरों में की गई वृद्धि को वापस ले। अखिलेश यादव ने जनता से अपील की कि वे सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाएं और अपनी समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष करें।
अखिलेश यादव ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि विद्युत उपभोक्ता कानून 2020 के लागू होने के बाद से हर उपभोक्ता 24 घंटे विद्युत आपूर्ति पाने का अधिकारी हो गया है। ऐसे में ग्रामीण और शहरी आपूर्ति की दरों में वृद्धि नियम संगत नहीं हो सकती। उन्होंने सवाल उठाया कि ग्रामीण फीडर को शहरी फीडर में बदलने का अधिकार मुख्यमंत्री का है, फिर पावर कॉरपोरेशन ने यह कदम उठाकर मुख्यमंत्री के अधिकारों का अतिक्रमण कैसे कर लिया?
सपा मुखिया ने कहा कि ग्रामीण इलाकों को मिलने वाली बिजली को महंगा करने की साजिश के तहत यह बदलाव किया जा रहा है। इससे ग्रामीण फीडर को शहरी फीडर में बदलने से उपभोक्ताओं को दो रुपये प्रति यूनिट बिजली महंगी मिलेगी। इस फैसले से करीब 2 करोड़ 85 लाख उपभोक्ता प्रभावित होंगे। उन्होंने इस निर्णय को जनविरोधी करार देते हुए मांग की कि इसे तुरंत वापस लिया जाए। यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह निर्णय केवल जनता पर आर्थिक बोझ डालने और उनके जीवन को और कठिन बनाने की कोशिश है।
अखिलेश यादव ने भाजपा पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली की दरों में भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में घरेलू उपभोक्ताओं को 3.35 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली की कीमत चुकानी पड़ती है, जबकि शहरी इलाकों में यह कीमत 5.50 रुपये प्रति यूनिट है। अखिलेश यादव ने इसे जनता के साथ धोखा करार देते हुए कहा कि भाजपा को गांव-गरीब से कोई सहानुभूति नहीं है और वह केवल पूंजी घरानों की हितचिंतक है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की नीतियां सम्पन्न वर्ग को और सम्पन्न और गरीब को और गरीब बनाती हैं, जिससे जनसामान्य की जिंदगी कठिन हो गई है, विशेषकर भीषण गर्मी के दिनों में।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."