चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
महोबा जिले में डाक विभाग में ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रांच पोस्ट मास्टर (बीपीएम) के पदों पर भर्ती प्रक्रिया में हुए फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। इस फर्जीवाड़ा के कारण सात बीपीएम को फर्जी अभिलेखों के जरिए नौकरी पाने का दोषी पाया गया है। इनकी सेवा समाप्त कर दी गई है और रिकवरी की तैयारी चल रही है।
इस कार्रवाई से बीपीएम में हड़कंप मच गया है और भविष्य में और भी बीपीएम के खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना है।
ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को डाक विभाग की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बीपीएम के पदों पर भर्ती की गई थी।
लगभग एक वर्ष पूर्व हुई इस भर्ती प्रक्रिया में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जालसाजों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी हासिल कर ली।
डाक अधीक्षक बांदा ने बीपीएम भर्ती में फर्जीवाड़ा की शिकायत पर जांच कर अभिलेखों का सत्यापन कराया। जांच में कई ब्रांच पोस्ट मास्टरों के अभिलेख फर्जी पाए गए।
बताया जा रहा है कि इन सभी ब्रांच पोस्ट मास्टरों को 17 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता रहा है।
डाक अधीक्षक द्वारा फर्जी अभिलेख के आधार पर नौकरी पाने के मामले में जनपद के पनवाड़ी क्षेत्र के दुलारा में तैनात सुनील शुक्ला, रुरी कला की ज्योति राजपूत, स्योंढ़ी की रेशमा चतुर्वेदी, पहाड़िया के अंकित अहिरवार, बहादुरपुरा के राम प्रकाश कुशवाहा, श्रीनगर क्षेत्र के योगेंद्र और जनपद मुख्यालय क्षेत्र के शत्रुघन की सेवा समाप्त की गई है।
फर्जी अंक पत्र लगाकर बीपीएम की नौकरी हथियाने वाले जालसाज सात से आठ महीने तक नौकरी करते रहे, और विभाग को इस धोखाधड़ी की भनक तक नहीं लग सकी।
अब जांच में मामला उजागर होने पर, विभाग पूरे मंडल में व्यापक जांच की तैयारी कर रहा है। जनपद में 7 बीपीएम की सेवा समाप्त कर दी गई है, और अब उनसे सैलरी के रूप में दी गई रकम की वसूली की तैयारी की जा रही है।
2023 में डाक विभाग में ब्रांच पोस्ट मास्टर की भर्ती निकली थी, जिसमें मेरिट के आधार पर नियुक्ति दी गई थी।
मेरिट में आने के लिए जालसाजों ने फर्जी मार्कशीट तैयार कर नौकरी हासिल की और बाद में इनको मंडल के बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और महोबा के ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती दी गई थी। सेवा समाप्त होने वाले सभी बीपीएम से डिवाइस जमा करा ली गई है। आने वाले दिनों में और भी कार्रवाई के आसार दिख रहे हैं।
Author: samachar
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