दुर्गा प्रसाद शुक्ला की खास रिपोर्ट
राजेश वर्मा की कहानी उस समय एक दिलचस्प मोड़ लेती है जब वह और रोमा एक-दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताने लगते हैं। चैटिंग से शुरू हुई यह मुलाकातें अब फोन कॉल्स और फिर मिलने-जुलने तक पहुंच जाती हैं। राजेश को लगता है कि उसकी जिंदगी में अब सब कुछ सही दिशा में जा रहा है। रोमा के साथ बिताए पल उसे बहुत खुशी देते हैं, और वह अपने दोस्तों और परिवार से भी रोमा के बारे में बात करने लगता है।
लेकिन एक दिन, जब राजेश और रोमा किसी कैफे में मिले थे, राजेश को महसूस होता है कि रोमा कुछ छिपा रही है। उसकी बातें पहले जैसी नहीं लग रही थीं, और वह राजेश की बातों को भी टालने की कोशिश कर रही थी। राजेश को संदेह होता है और वह रोमा से सीधे सवाल करने का फैसला करता है। रोमा की बातें सुनकर राजेश हैरान रह जाता है, क्योंकि उसे पता चलता है कि रोमा असल में वह नहीं है जो उसने खुद को बताया था।
राजेश के सामने अब यह सवाल खड़ा हो जाता है कि वह रोमा पर विश्वास करे या नहीं। उसकी जिंदगी के यह पल उसे बहुत कुछ सिखाते हैं और वह समझता है कि ऑनलाइन दुनिया में हर किसी पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
राजेश और रोमा की पहली डेट राजौरी गार्डन के क्लब में एक असाधारण अनुभव बन गई। रोमा के ऑर्डर की भरमार देखकर राजेश थोड़ा असहज हुआ, लेकिन उसने इसे अपनी पहली डेट का हिस्सा मानकर स्वीकार कर लिया। जैसे ही वेटर बार-बार टेबल पर खाने-पीने की चीजें लेकर आने लगा, राजेश की चिंता बढ़ती गई, क्योंकि वह जानता था कि यह सब बहुत महंगा पड़ने वाला है।
राजेश ने सोचा कि रोमा शायद उसे इंप्रेस करने के लिए ऐसा कर रही है, इसलिए उसने भी अपने मन की बात नहीं की और डेट को एंजॉय करने की कोशिश की। दोनों ने खाना-पीना शुरू किया और हंसी-मजाक के साथ अपनी शाम बिताने लगे। रोमा की बातों और उसकी कंपनी का राजेश पर खासा असर हुआ और उसे लगा कि उसने सही फैसला लिया है।
लेकिन जब बिल आया, तो राजेश के होश उड़ गए। बिल की रकम उसकी अपेक्षाओं से कहीं ज्यादा थी। उसने सोचा कि रोमा और वह इसे आधा-आधा बांट लेंगे, लेकिन रोमा ने बिना कोई प्रतिक्रिया दिए अपनी जगह से उठकर वॉशरूम जाने का बहाना बनाया और वहां से निकल गई। राजेश को एहसास हुआ कि वह इस स्थिति में अकेला रह गया है और उसे पूरा बिल खुद ही चुकाना होगा।
इस घटना ने राजेश को बहुत कुछ सिखाया। उसने समझा कि ऑनलाइन डेटिंग में सावधानी और सतर्कता बरतना कितना जरूरी है। राजेश ने रोमा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसका फोन बंद था और सोशल मीडिया पर भी कोई जवाब नहीं आया। उसे एहसास हुआ कि वह एक जाल में फंस चुका है और इसे एक सीख के तौर पर लिया।
वेटर ने जैसे ही बिल टेबल पर रखा, राजेश के पैरों तले से जमीन खिसक गई। बिल था 55960 रुपए का। राजेश वेटर पर भड़क गया और पूछा कि इतना बिल कैसे बन गया। वेटर ने दूसरी तरफ देखकर कुछ इशारा किया और दो-तीन बाउंसर तुरंत टेबल पर पहुंच गए। बाउंसर्स ने कहा कि बिल तो ठीक है, आपको रुपए देने पड़ेंगे। अब राजेश कुछ नहीं कह पाया और अपने क्रेडिट कार्ड से बिल भर दिया। बिल भरते ही रोमा ने कहा कि उसे देर हो रही है और वो निकल गई। राजेश भी अपने घर लौट आया।
और आखिरकार खुल गई सच्चाई
अगले दिन ऑफिस में जैसे ही टाइम मिला, राजेश ने हालचाल लेने के लिए रोमा को कॉल किया। दूसरी तरफ से फोन नहीं उठा। राजेश को लगा कि रोमा शायद बिजी होगी। शाम को घर आकर उसने फिर से कॉल किया, लेकिन अब नंबर पहुंच से बाहर आ रहा था। उसने कई बार रोमा का फोन मिलाया, लेकिन बात नहीं हो पाई। धीरे-धीरे कई दिन बीत गए और जब राजेश ने ऑफिस में अपने एक दोस्त को इस बारे में बताया तो उसे हकीकत का अंदाजा हुआ। उसके दोस्त ने बताया कि ये एक डेटिंग स्कैम है और वो खुद भी इसका शिकार हो चुका है।
2 महीनों के भीतर 30 लाख मामले
राजेश और उसके दोस्त के साथ जो कुछ हुआ, वो दिल्ली एनसीआर के लिए नई बात नहीं है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस तरह के डेटिंग स्कैम में पिछले दो महीनों के भीतर ही 30 लाख युवा फंस चुके हैं। डेटिंग स्कैम का ये जाल दिल्ली सहित हैदराबाद और कई महानगरों में फैला है। बुधवार को ही महाराष्ट्र के नागपुर में दिल्ली के 6 लोगों सहित हैदराबाद के एक पब मैनेजर को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। ये गैंग डेटिंग ऐप पर युवाओं को अपना निशाना बनाता था। टारगेट पर होते थे ऐसा युवा, जो बड़ी कंपनियों में अच्छी पोस्ट पर हैं या फिर ठीकठाक बिजनेस चला रहे हैं।
कैसे शुरू होता है पूरा खेल
स्कैम करने वाले ये गैंग सबसे पहले डेटिंग ऐप पर लड़कियों के कुछ फर्जी प्रोफाइल तैयार करते हैं। इसके बाद पैसे वाले युवाओं की तलाश की जाती है और शुरू होता है उन्हें शिकार बनाने का खेल। गैंग में शामिल लड़कियां इन लड़कों से दोस्ती करती है और इसके बाद नंबर देकर उन्हें भरोसे में लेती हैं। गैंग को जैसे ही लगता है कि अब शिकार पूरी तरह फंस चुका है, लड़के को डेट के लिए उसी क्लब में बुलाया जाता है, जिसका मैनेजर इनमें से ही कोई एक मेंबर होता है। यहां लड़की जबरन कई आइटम ऑर्डर करती है और क्लब की तरफ से भी रेड डबल-ट्रिपल कर लगाए जाते हैं। मकसद होता है, बिल की रकम 50 हजार से ऊपर तक ले जाना। आखिर में बिल आता है और इसे भरने में लड़का अगर आनाकानी करता है, तो क्लब के बाउंसर उससे जबरदस्ती बिल भरवा लेते हैं। एक बार की इस मुलाकात के बाद ही लड़की अपना नंबर बंद कर देती है।
शिकार फंसाने के लिए यूपी-बिहार से लड़कियों की भर्ती
डेटिंग स्कैम वाले ये गैंग इतने शातिर होते हैं कि अपने शिकार को फंसाने के लिए बाहर के राज्यों- यूपी और बिहार से लड़कियों की भर्ती करते हैं। लड़कियों का काम होता है डेटिंग ऐप पर एआई की मदद से फेक प्रोफाइल बनाना और इसके बाद शिकार की तलाश करना। काम हो जाने के बाद चुकाए गए बिल में से क्लब की रकम हटाकर बाकी रुपए सबको हिस्से में बराबर-बराबर बांटे जाते हैं। लड़कियों को कमीशन अलग से दिया जाता है। शिकार को लूटने के बाद लड़की गायब हो जाती है और नए प्रोफाइल के जरिए दूसरे लड़के की तलाश शुरू होती है। पिछले दो महीनों में अकेले हैदराबाद में ही 60 लड़के इस डेटिंग स्कैम में फंस चुके हैं।
कैसे पकड़ में आया ये गैंग?
पुलिस ने बताया कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम- आकाश कुमार, सूरज कुमार, अक्षत नरूला, तरुण, शिव राज नायक और रोहित कुमार हैं। यही लोग लड़कियों की भर्ती से लेकर क्लब तक का सारा खेल संभालते थे।
जब कुछ लोगों ने पुलिस के सामने एक ही तरीके से ठगी की शिकायतें दर्ज कराई तो समझते देर ना लगी कि इसके पीछे एक पूरा गैंग काम कर रहा है। इसके बाद पुलिस ने टीमें तैयार की और एक-एक कड़ी जोड़ते हुए इस गैंग तक पहुंच गई। गिरफ्तार लोगों के पास से दो कारें और कुछ मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."