इरफान अली लारी की रिपोर्ट
यह घटना उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के कोखराज क्षेत्र में हुई, जिसमें एक नाबालिग छात्रा के साथ अश्लील वीडियो बनाने और उसे वायरल करने का मामला सामने आया है।
5 जून की शाम को एक अश्लील वीडियो स्थानीय लोगों के मोबाइल पर पहुँचना शुरू हुआ। रात तक यह वीडियो छात्रा के परिजनों तक भी पहुंच गया। 6 जून को पीड़िता की मां ने कोखराज थाने में स्कूल के प्रिंसिपल देवेंद्र कुमार मिश्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
8 जून की सुबह, इस वीडियो के वायरल होने और अभियुक्त की गिरफ्तारी न होने से निराश छात्रा ने आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन परिवारवालों ने समय पर पहुंचकर उसे बचा लिया और अस्पताल ले गए।
परिजनों के अनुसार, यह घटना एक महीने पुरानी है, जब 29 अप्रैल को वे शोक सभा में गए थे और घर पर छात्रा अकेली थी। परिवार का आरोप है कि इसी दौरान प्रिंसिपल देवेंद्र कुमार मिश्र ने छात्रा के साथ गलत हरकत की और राजू सिंह नामक युवक ने इसका वीडियो बना लिया, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर वायरल किया गया।
पुलिस ने मुख्य अभियुक्त देवेंद्र कुमार मिश्र और वीडियो वायरल करने वाले राजू सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
छात्रा के बड़े भाई ने बताया कि उसे वीडियो के वायरल होने पर इसकी जानकारी मिली और उसने अपनी मां से फोन पर पूछताछ की, जिन्हें इस घटना के बारे में कुछ नहीं पता था।
छात्रा की मां ने रोते हुए कहा कि अभियुक्त प्रभावशाली व्यक्ति है और उनके पास पैसा और ताकत है, जिससे उन्हें दबाने की कोशिश की जा रही है।
नाबालिग रेप पीड़िता की मां ने रोते हुए कहा, “वो बड़ा मनई, हम ग़रीब। हमार कौन साथ दे? उसकी सगल (सब जगह) पकड़ है। पैसा वाला है। ग़रीब जान कर हमका दबाइस ऊ. सोचा होगा जान भी जाई तो का करी?”
यह परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकान में रह रहा है। हमारी मुलाकात छात्रा की बड़ी बहन से हुई, जिन्होंने बताया कि इस बार उसका 11वीं कक्षा में नामांकन हुआ था। वह पास के इंटर कॉलेज में पढ़ती थी और पढ़ाई-लिखाई में अच्छी थी। घर के सारे काम भी करती थी और पार्लर का काम सीखने की इच्छा व्यक्त कर रही थी। उसके माता-पिता भी उसे सिलाई-कढ़ाई सिखाने का सोच रहे थे, लेकिन यह घटना घट गई।
छात्रा की बहन ने बताया कि स्कूल के प्रिंसिपल देवेंद्र मिश्र घर पर आता-जाता था। उसकी उम्र लगभग 50 साल है और जिस स्कूल में वह प्रिंसिपल है, उस स्कूल के मालिक का खेत बंटाई पर लिया गया है, इसलिए उसका घर आना-जाना लगा रहता था। किसी ने यह नहीं सोचा था कि वह इस तरह का घिनौना काम करेगा।
इलाके के पार्षद घनश्याम पासी ने बताया कि यह घटना ग़रीब परिवार की लड़की होने के कारण हुई। जाति के आधार पर उसका शोषण किया गया और एक शिक्षक व गुरु के रिश्ते को तार-तार कर दिया गया। इसी कारण लड़की ने आहत होकर जान देने की कोशिश की।
यह अफवाहें कि अभियुक्त खुद को आरएसएस का पदाधिकारी बताता था और स्कूल भी आरएसएस द्वारा संचालित था, गाँव के लोगों के बयान के आधार पर बाहरी लोगों को गुमराह करने के लिए हो सकती हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह श्रीकृष्ण पांडेय ने स्पष्ट किया कि स्कूल आरएसएस द्वारा नहीं बल्कि जन शिक्षा समिति द्वारा संचालित है। और देवेंद्र कुमार मिश्र आरएसएस से नहीं जुड़ा है। उन्होंने उनकी संलग्नता का खंडन किया और कहा कि वह किसी पदाधिकारी या स्वयंसेवक नहीं हैं।
यह मामला बहुत गंभीर है और इसमें आरोप हैं कि अभियुक्त ने पीड़ित परिवार को डराने और धमकाने की कोशिश की। पीड़िता की मां ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद अभियुक्त ने धमकाया कि कुछ लाभ लेकर मामला दबा दिया जाएगा, लेकिन परिवार ने इसे माना नहीं। उनके चेचेरे भाई को भी अभियुक्त ने धमकियाँ भरे फोन किए।
इस मामले में जिला पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि गिरफ्तारी के बाद भी मुख्य अभियुक्त की पुलिस हिरासत में मुस्कुराती तस्वीरें सोशल मीडिया पर दिख रही हैं। ग्रामीणों का दावा है कि इससे पहले भी इस अभियुक्त के खिलाफ छेड़छाड़ के मामले आए हैं, लेकिन कोई मामला पुलिस शिकायत तक नहीं पहुंचा।
मामले के मुख्य अभियुक्त की बीजेपी के नेताओं के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर दिख रही हैं, लेकिन बीजेपी के कौशांबी जिलाध्यक्ष धर्मराज मौर्य ने इसका खंडन किया और कहा कि इसका बीजेपी से कोई संबंध नहीं है।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक दलितों के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है।
उत्तर प्रदेश में दलितों के ख़िलाफ़ अपराधों की संख्या साल दर साल बढ़ी है।
साल 2022 में उत्तर प्रदेश में दलितों के ख़िलाफ़ अपराध के 15,368 मामले दर्ज किए गए थे. 2021 में यह संख्या 13,146 तथा 2020 में 12,714 थी।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में पहले नंबर पर है।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों की संख्या साल दर साल बढ़ी है।
साल 2022 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के 65,743 मामले दर्ज किए गए थे। 2021 में यह संख्या 56,083 और 2020 में 49,385 थी।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."