ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
लखीमपुर में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर बनकर लोगों को ठगने वाला एक जालसाज मंगलवार को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेज दिया है। इस घटना से स्पष्ट होता है कि अपराधी किस तरह से लोगों को धोखा देने के नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं। पुलिस की तत्परता से इस तरह के जालसाजों पर अंकुश लगाया जा सकता है।
बीते गुरुवार को ऐसा ही एक और मामला प्रकाश में आया था, जिसमें फर्जी लेबर इंस्पेक्टर बनकर एक जालसाज खपरैल बाजार में दुकानों पर पहुंचकर पंजीकरण की जांच कर रहा था। व्यापारियों ने मामले की शिकायत सहायक श्रमायुक्त से की, तब पता चला था कि वह युवक जालसाज है। अभी तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है। अब इस फर्जी पुलिस इंस्पेक्टर के पकड़े जाने से जालसाजों के सक्रिय होने की चर्चा जोरों पर है।
मामले का विवरण
मंगलवार को महेवागंज पुलिस चौकी प्रभारी राहुल सिंह अपने हमराहियों हेड कांस्टेबल गौरव पाठक, कांस्टेबल शुभम राठी, कांस्टेबल दुष्यंत यादव, और कांस्टेबल गौरव देवल के साथ चेकिंग कर रहे थे। तभी सैधरी बाईपास मोड़ के पास एक संदिग्ध व्यक्ति पुलिस को देख कर भागने लगा। पुलिस ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया।
जामा तलाशी में उसके पास से एक खाकी वर्दी, पुलिस इंस्पेक्टर बैच, एक पर्स, मोबाइल, सिम, दो आधार कार्ड, दो पैन कार्ड, उत्तर प्रदेश पुलिस का आई कार्ड, और एक डेबिट कार्ड बरामद हुआ। पूछताछ में उसने अपना नाम राणा प्रताप सिंह पुत्र शेर बहादुर सिंह निवासी कस्बा व थाना बदलापुर जिला जौनपुर बताया।
उसने कबूल किया कि करीब पांच माह से वह महेवागंज कस्बे की एक बिल्डिंग में किराए पर रहकर लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों की ठगी कर रहा था। वह खुद को क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर के पद पर लखनऊ में तैनात बताता था। पकड़े गए व्यक्ति को पुलिस ने जेल भेज दिया है।
इस तरह के मामलों से यह स्पष्ट होता है कि जालसाज किस प्रकार से लोगों को धोखा देने के लिए नई-नई तरकीबें अपनाते रहते हैं। पुलिस की तत्परता और सतर्कता से इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है।
Author: samachar
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