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November 1, 2024 8:09 pm

चुनाव परिणाम पर अयोध्या वासियों की होने लगी थू थू तो साधु संतों ने कही आंखें खोलने वाली बात

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

अयोध्या: फैजाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी की हार को लेकर सोशल मीडिया पर हो रही टिप्पणियों ने अयोध्या वासियों में नाराजगी पैदा कर दी है। इस पर अयोध्या के साधु-संतों ने कड़ा विरोध जताया है। संतों का कहना है कि अयोध्या विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह की जीत हुई है, लेकिन फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में चार अन्य विधानसभा क्षेत्र भी शामिल हैं, जहां से बीजेपी हार गई है। संतों का मानना है कि इस स्थिति में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को आत्ममंथन और चिंतन करने की जरूरत है, बजाय इसके कि अयोध्या वासियों को दोषी ठहराया जाए।

जगदगुरु राम दिनेशचार्य ने हाल ही में सोशल मीडिया पर अयोध्या वासियों के खिलाफ की गई पोस्टों पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि इस तरह की पोस्टें अनुचित हैं और अयोध्या के लोगों को सनातनी के बजाय विधर्मी कहने वाली पोस्टें गलत हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अयोध्या विधानसभा में बीजेपी के लल्लू सिंह जीते हैं, जिन्हें 1 लाख 4 हजार वोट मिले हैं, जबकि सपा के अवधेश प्रसाद को कम वोट मिले हैं। उन्होंने इस पर जोर दिया कि फैजाबाद की अन्य विधानसभा से हार के कारणों पर आत्ममंथन करना आवश्यक है।

बड़ा भक्तमाल मंदिर के महंत अवधेश दास ने अयोध्या में वीवीआईपी व्यवस्था से जनता की परेशानी पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि अयोध्या की जनता ने पूरा प्रयास किया, फिर भी कहीं न कहीं कोई कमी रही, जिससे अयोध्या के लोगों को ताने सुनने पड़ रहे हैं। महंत अवधेश दास के मुताबिक, वीवीआईपी व्यवस्था ने अयोध्या की जनता को आहत किया है।

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन वीआईपी लोगों के आने से रास्ते बंद कर दिए जाते थे, जिससे जनता परेशान होती थी। इस समस्या पर शासन-प्रशासन से बात भी की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। उन्होंने यह भी बताया कि अयोध्या का व्यापक विकास हुआ है, जिसमें एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, चौड़ी सड़कें और राम मंदिर का निर्माण शामिल हैं। इतनी बड़ी योजनाओं के बावजूद बीजेपी के हारने के कारणों पर पार्टी नेतृत्व को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."