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November 22, 2024 8:18 pm

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बच्चों को शिक्षामित्र के भरोसे छोड़ देना और विभागीय निर्देशों को अपने कुतर्कों से नकार देना इंचार्ज प्रधानाध्यापक की खासियत है

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संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट

बांदा। प्राथमिक विद्यालय बजरंगपुर में शिक्षक अभिभावक बैठक नहीं हुई, इंचार्ज प्रधानाध्यापक खुद स्कूल से नदारत रहे। पंजीकृत 84 विद्यार्थियों के सापेक्ष 29 विद्यार्थी ही स्कूल में मिले। 

बतादें कि महानिदेशक स्कूल, शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक के निर्देश पर बुद्धवार को परिषदीय स्कूलों में सामुदायिक सहभागिता को बढावा देने शत प्रतिशत दाखिला और उपस्थिति सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से शिक्षकों एवं अभिभावकों की बैठक आयोजित करने के निर्देश की धज्जियां उड़ा कर इंचार्ज प्रधानाध्यापक रमाशंकर नें पढनें वाले बच्चों के माता पिता की सहभागिता बढाने के विरोध में हैं। इनका मानना है कि गाँव के लोगों की सहभागिता बढाने से लोग सवाल पूछते हैं।

लोगों को अपने बच्चे पढाना होगा तो स्कूल भेजेगे ही, स्कूल प्रबंधन समिति की भी बैठक की खबर नहीं दी जाती। वह खुद बिना छुट्टी शिक्षा मित्रों के भरोसे स्कूल छोड़ आपनी गृहस्थी के कार्यों में ब्यस्त रहते हैं।

प्राथमिक विद्यालय बजरंगपुर पहुंचे पत्रकारों नें देखा तो यहाँ कोई बैठक नहीं हुई, इंचार्ज प्रधानाध्यापक रमाशंकर गैर हाजिर थे सहायक अध्यापिका श्रीमती दीप माला सोनी, शिक्षा मित्र श्रीमती सुधा देवी, श्रीमती ऊषा देवी उपस्थिति मिली। जब इनसे जानकारी ली गयी कि प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक अभिभावक बैठक होनी थी क्या हो गयी? यहां मौजूद सहायक अध्यापिका श्रीमती दीपमाला सोनी नें बताया कि बैठक तो होना है मगर कोई अभिभावक व प्रधानाध्यापक ही मौजूद नहीं हैं।

स्कूल प्रबंधन समिति के बारे में भी उनको कोई जानकारी नहीं है कौन अध्यक्ष व सदस्य हैं? स्कूल प्रबंधन समिति का रजिस्टर व प्रधानाध्यापक रमाशंकर मौजूद नहीं है। प्रधानाध्यापक लंच में घर चले गये हैं। जिनका पत्रव्यवहार रजिस्टर में कोई उल्लेख नहीं है।

स्कूल प्रबंधन समिति की भी तभी बैठक नहीं होती यहां के कई अभिभावकों नें आरोप लगया है कि उनके फर्जी हस्ताक्षर से सारे कार्य निपटा लिए जाते हैं तो बैठक बुलाने की क्या जरूरत है। यहाँ पंजीकृत छात्रों संख्या 84 है पर स्कूल में मात्र 29 छात्र-छात्राएं की उपस्थिति रहे। यहाँ एमडीएम भी मानक के अनुरूप नहीं बनवाया जाता है। इंचार्ज प्रधानाध्यापक स्थानीय पंचायत के फतेहगंज का होने की वजह से राजनैतिक गतिविधियों में ज्यादा ब्यस्त रहते हैं। कम्पोजिट ग्रांट से कागजों में काम निपटाते हैं स्कूल की साफ सफाई भी नहीं करायी जाती।

इस संदर्भ में सहायाक बेसिक शिक्षा अधिकारी नरैनी से सम्पर्क किया गया तो बात नहीं हो सकी।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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