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November 1, 2024 2:57 pm

पति को हर महीने 5 हजार गुजारा भत्ता दो; आखिर कोर्ट ने ऐसा आदेश क्यों दिया? दिलचस्प लेकिन हैरतअंगेज है मामला

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सुहानी परिहार की रिपोर्ट

इंदौर। आपने अक्सर सुना होगा कि तलाक के मामले में गुजारा भत्ता की भी मांग की जाती है। पत्नी से अलग होने के बाद पति को हर महीने उसे कुछ पैसे देने होते हैं, जिससे कि वह अपना खर्च चला सके। ऐसे में मध्य प्रदेश के इंदौर से एक अनोखा मामला सामने आया है।

यहां की फैमिली कोर्ट ने ब्यूटी पार्लर चलाने वाली एक महिला को तलाक के बाद अपने 12वीं पास पति को 5000 रुपए मासिक गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया है।

अदालत ने बुधवार को यह फैसला 23 साल के अमन कुमार की याचिका का हवाला देते हुए सुनाया कि उसे अपनी पत्नी के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी। अमन बेरोजगार है लेकिन उसकी 22 साल की पत्नी ग्रेजुएट है और इंदौर में एक ब्यूटी पार्लर चला रही है।

याचिकाकर्ता अमन कुमार के वकील मनीष जरोले ने बताया कि साल 2020 में उज्जैन के रहने वाले अमन की एक कॉमन फ्रेंड के जरिए नंदिनी से दोस्ती हुई थी। नंदिनी ने अमन को शादी के लिए प्रपोज किया। हालांकि अमन उससे शादी नहीं करना चाहता था लेकिन नंदिनी ने उसे आत्महत्या करने की धमकी दे डाली थी। इसके बाद जुलाई 2021 में उन्होंने आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली और इंदौर में किराए का मकान लेकर रहने लगे।

अमन ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि शादी के बाद नंदिनी और उसके परिवार ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। साथ ही उसे अपनी पढ़ाई जारी रखने से रोक दिया। शादी के ठीक दो महीने बाद सितंबर में अमन नंदिनी को छोड़कर अपने माता-पिता के घर चला गया।

अमन के घर से चले जाने के बाद नंदिनी ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अमन ने भी एक पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और दिसंबर 2023 में तलाक और गुजारा भत्ता के लिए पारिवारिक अदालत में याचिका भी दायर की। इस बीच नंदिनी ने इंदौर में अमन के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला भी दर्ज कराया लेकिन अदालत के सामने उसने कहा कि वह अमन के साथ रहना चाहती है।

अमन के वकील ने बताया कि ‘नंदिनी ने अदालत के सामने झूठ बोला कि वह बेरोजगार है और अमन नौकरी करता है। अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी क्योंकि उसके बयानों में कई विरोधाभास थे।’

वकील मनीष जरोले ने कहा, ‘यह अनोखा मामला है। इस मामले में कोर्ट ने नंदिनी को मुकदमे के खर्च के तौर पर अतिरिक्त रकम देने का भी आदेश दिया है। नंदिनी और उसके परिवार ने अमन के साथ आपराधिक कृत्य किया था।’ हालांकि नंदिनी ने कहा कि वह अपनी शादीशुदा जिंदगी बचाना चाहती थी इसलिए उसने इतनी सारी बातें नहीं बताईं लेकिन अब वह फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देगी। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."