अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बड़ा बयान दिया है। सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर राहुल गांधी लिखा है-लोकतंत्र की हत्या की भाजपाई साजिश में मसीह सिर्फ ‘मोहरा’ है, पीछे मोदी का ‘चेहरा’ है। गौरतलब है कि इस मामले में 5 फरवरी को इस मामले पर उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ चुनाव में हुई हेराफेरी का वीडियो देखा।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव का वीडियो को देखने के बाद पीठासीन अधिकारी पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा था कि यह तो लोकतंत्र की हत्या है। इस पीठासीन अधिकारी पर तो मुकदमा चलाया जाना चाहिए। पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह 19 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से पेश हुआ और उन्होंने कोर्ट को बताया कि उन्होंने खराब वोटों पर मार्क लगाया था।
सुनवाई में कोर्ट ने 5 फरवरी को पीठासीन अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई थी। CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि पीठासीन अधिकारी ने जो किया वो लोकतंत्र की हत्या जैसा है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि वो कैमरे में देख रहा है और बैलेट पेपर को खराब कर रहे हैं। इस अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
ये था चंडीगढ़ चुनाव का असली गणित
चंडीगढ़ मेयर चुनाव चुनाव का असली गणित आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में था। भाजपा के पास 14 पार्षद थे। एक वोट शिरोमणि अकाली दल का था और एक सांसद का वोट था। कुल 16 वोट थे। मेयर बनने के लिए 19 मतों की आवश्यकता था यह संख्या गठबंधन के पास थी लेकिन अचानक पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन के आठ वोटों को खत्म कर दिया। इसके बाद गणित भाजपा के पक्ष में आ गई।पीठासीन अधिकारी ने 12 वोट के मुकाबले 16 वोट से भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर को विजयी घोषित कर दिया गया। इसके बाद आम आदमी पार्टी उच्चतम न्यायालय चली गई और 20 फरवरी को ऐतिहासिक फैसला देते हुए परिणाम पलट दिया। इस परिणाम में आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी कुलदीप कुमार को मेयर पद का विजेता घोषित कर दिया गया।
Chandigarh Mayor Election में क्या-क्या हुआ?
10 जनवरी : प्रशासन ने 18 जनवरी को मेयर चुनाव की अधिसूचना जारी की
15 जनवरी : आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ किया गठबंधन
30 जनवरी : भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर मेयर बने। आप-कांग्रेस गठबंधन को हराया
31 जनवरी : चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया। तुरंत राहत नहीं मिली।
5 फरवरी : आप ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने कहा कि पीठासीन अधिकारी ने मतपत्रों को विकृत किया। यह लोकतंत्र की हत्या है। उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। 19 फरवरी को सुनवाई तय।
18 फरवरी : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले मनोज सोनकर ने मेयर पद इस्तीफा दिया। आप के तीन पार्षद भाजपा में शामिल
19 फरवरी : सुप्रीम कोर्ट ने अनिल मसीह को फटकार लगाई। बैलेट पेपर और वीडियो कोर्ट में मंगवाए। 20 फरवरी को फिर सुनवाई तय की।
20 फरवरी : उच्चतम न्यायालय ने आठों वोट को माना गया। इसके बाद फिर से मतगणना हुई और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कुलदीप को विजेता घोषित किया गया।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."