अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
कौशाम्बी। विवादित बयानों के चलते हमेशा सुर्खियों में बने रहने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान दे डाला। कौशांबी में रविवार को आयोजित राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि सपा नेता व एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने सम्मेलन में भाजपा पर सीधा हमला बोला।
इस दौरान उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य की बीमारी पर तंज कर दिया। उन्होंने कहा कि वे सच्चे भक्त होते तो अस्पताल में नहीं, आश्रम में होते। वह जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। इससे साफ है कि विज्ञान ही सच है, यह उनको समझ आ गया है। मौर्य ने कहा कि हजारों सालों से आदिवासी, दलित, पिछड़ों का शोषण हो रहा है। उन्हें मंदिर नहीं जाने दिया गया।
हमारे समाज के लोग इंजीनियर, डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस न बन पाएं, इसलिए उन्हें पढ़ाई से रोका गया। यह कार्य अब भी चल रहा है। दलितों, पिछड़ों का अधिकार छीना जा रहा है। धर्म के नाम पर समाज को अब नए तरीके से ठगा जा रहा है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन के आयोजक कैलाश बौद्ध, पूर्व विधायक रामसजीवन निर्मल, राजकिशोर बौद्ध, नीरज गौतम, अमरेंद्र गौतम, दिलीप चौधरी, आशीष मौर्य आदि ने मुख्य अतिथि का भव्य स्वागत किया।
मौर्य से नहीं मिल सकी पीड़ित छात्रा
स्वामी प्रसाद मौर्य से मिलने के लिए मंच पर एक छात्रा पहुंच गई थी, लेकिन छात्रा को उनसे नहीं मिलने दिया गया। हालांकि वह जिद पर अड़ी रही। किसी तरह समझा-बुझाकर उसको उतारा गया। इससे छात्रा नाराज रही। आईटीआई की छात्रा ने एक अनुदेशक के खिलाफ एफआईआर लिखवा रखी है। आरोप है कि अनुदेशक ने उसको परीक्षा नहीं देने दिया है।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, भाजपा के लोगों की आदत है, हमला करना, अराजकता फैलाना। हम मानवतावादी विचारधारा के हैं। इतिहास गवाह है जब भी समाज के महापुरुष आगे बढ़े हैं, उन पर कभी पत्थर बरसाए गए तो कभी उनका रास्ता रोका गया, लेकिन महापुरुष रुके नहीं। हम ऐसे लोगों को भी माफ कर देते हैं, ताकि कभी तो उनकी समझ में आएगा सही और गलत क्या है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."