चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
बड़ी मन्नतों से मांगा था तुझे खुदा से, तू यूं दिल तोड़ कर जाएगा कभी सोचा ना था, अब कैसे कटेगी बिना तेरे जिंदगी, खुदा तू ही इस दर्द की दवा बताएगा…
ये शायरी गाजियाबाद के उस परिवार का दर्द बयां करती है, जिसके परिवार के बेटे ने कुत्ते के काटने के बाद तड़प-तड़प कर दुनिया को अलविदा कहा है। बेटा जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा था। पिता आंखों में आंसुओं का सैलाब लिए बेटे को लेकर दर-बदर भटक रहा था। पिता को उम्मीद थी बेटे को इतनी जल्दी दुनिया के रुख्सत नहीं होने दूंगा, लेकिन खुदा की मर्जी के आगे किसी का ना चली और बेटे ने गोद में ही दम तोड़ दिया।
गाजियाबाद का यह दर्दनाक वीडियो पिछले कुछ घंटों से सोशल मीडिया पर वायरल है। जिसने भी यह वीडियो देखी, उसके आंसू नहीं थम रहे हैं।
जिन मां-बाप ने बेटे के जन्म की खुशी पर लड्डू बांटे थे, वहीं उसे दफनाने के लिए अपने बुलंदशहर स्थित पैतृक गांव गए थे। घर की चौखट पर बैठे दादा ने नम आंखों से कहा, ‘लख्ते जिगर ऐसे दुनिया से रुख्सत होगा, कभी सोचा ना था।’
आसपास के इलाकों में पसरा सन्नाटा
पीड़ित परिवार गाजियाबाद के विजयनगर थाना क्षेत्र की चरण सिंह कॉलोनी में रहता है। हादसे के बाद से ही आसपास के इलाकों में सन्नाटा पसरा हुआ है। इस हादसे का जिक्र करते ही लोगों की आंखें आंसुओं से डबडबाने लगी।
ग़ाज़ियाबाद में कुत्ते काटने से एक और मौत। 14 साल के बच्चे को एक महीने पहले काटा। अंत में रैबिज से दर्दनाक मौत।
कुत्ते काटने की वारदात तेज़ी से बढ़ी है। सभी को मिलकर इस समस्या का हल निकालना होगा। रात में आप किसी मोहल्ले की सड़कों पर निकल नहीं सकते हैं। pic.twitter.com/qp9EFy9qks— Narendra Nath Mishra (@iamnarendranath) September 6, 2023
सब हैरान थे कि रेबिज इंफेक्शन से जान गंवाने वाले बच्चे का वीडियो देखकर। लोगों ने बताया कि शहर की गलियों में आवारा कुत्तों का आतंक काफी ज्यादा है। इलाके में कुछ लोगों ने कई सारे कुत्ते तो पाल रखे हैं, लेकिन वैक्सीनेशन नहीं कराते। ऐसे में अगर ये कुत्ते किसी को काट लें तो उनकी जान पर बन आती है।
डॉक्टरों के रवैये से नाराज परिजन
परिजनों ने बताया कि उनके घर का 14 साल का बेटा कुत्ते के काटने से शरीर में फैले रेबिज इंफेक्शन से जूझ रहा था। लेकिन किसी भी डॉक्टर ने हमदर्दी नहीं दिखाई और इलाज करने से मना कर दिया। पिता याकूब बेटे को एंबुलेंस में लेकर गाजियाबाद के जिला अस्पताल गए, दिल्ली के एम्स अस्पताल गए, लेकिन किसी ने भी बच्चे का इलाज नहीं किया और बच्चे को लाइलाज घोषित कर दिया। देखते ही देखते बच्चे ने पिता की गोद में दम तोड़ दिया।
परिजनों ने मांग की है कि इस मामले में जो भी दोषी है उसे सरकार सख्त से सख्त सजा दे।
तीन दिन से हम लोग एंबुलेंस लेकर जीटीबी दिल्ली, एम्स दिल्ली सहित मेरठ-गाजियाबाद के अस्पतालों में घूमते रहे। किसी भी अस्पताल ने हमारे पोते को भर्ती नहीं किया और उसे लाइलाज घोषित कर दिया। किसी ने हमें बताया कि देसी दवाइयों से बुलंदशहर में एक वैद्य इलाज करता है। सोमवार रात 8 बजे हम पोते को उस वैद्य के यहां दिखाकर एंबुलेंस से गाजियाबाद लौट रहे थे। रास्ते में ही पोते ने दम तोड़ दिया।
मतलूब अहमद, मृतक के दादा
डेढ़ महीने पहले कुत्ते ने काटा था
बच्चे के दादा मतलूब अहमद ने बताया, ‘हमने पोते से जब पूछा तो उसने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले पड़ोस में रहने वाली आंटी के कुत्ते ने उसको काट लिया था। डर के मारे उसने ये बात घर पर नहीं बताई। जिस वजह से बच्चे को तुरंत उचित इलाज नहीं दिया जा सका। जब बच्चे में लक्षण दिखने शुरू हो गए, तब हमें पता चला।’
जानिए पूरा मामला
यूपी के हाई टेक शहर गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से 14 साल के बच्चे की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। विजयनगर थाना क्षेत्र की चरण सिंह कॉलोनी में याकूब का परिवार रहता है। याकूब मेहनत मजदूरी करते हैं। याकूब का बेटा शाहवेज (14) 8वीं क्लास में पढ़ता था। चार दिन पहले 1 सितंबर को बेटे को अजीबो-गरीब दिक्कतें होनी शुरू हो गईं। उसको पानी देखने से डर लगने लगा। खाना-पीना बंद कर दिया। कभी-कभी भौंकने जैसी आवाजें भी मुंह से निकलने लगीं। फैमिली ने कुछ डॉक्टरों को दिखाया तो पता चला कि उसे कुछ समय पहले किसी कुत्ते ने काटा, जिसका इंफेक्शन अब ज्यादा फैल गया है। पिता याकूब तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे पहले गाजियाबाद के एक अस्पताल लेकर गए।
डॉक्टर ने बताया कि बच्चे को रेबीज हो गया है। इंफेक्शन ज्यादा होने की बात कह कर डॉक्टर ने दिल्ली ले जाने की बात कही। जीटीबी और एम्स दिल्ली ले गए। लेकिन कहीं भी बेटे को इलाज नहीं मिला।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."