सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
रामपुर: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान का दर्द उभर कर सामने आ रहा है। योगी सरकार में उन्हें और बेटे अब्दुल्ला आजम को जेल जाना पड़ा। आजम खान समेत बेटे की विधायकी तक योगी सरकार में रद्द हो गई। अब आजम खान का कहना है कि उन्होंने जो नेक काम किए थे, उसके लिए भारत रत्न का सम्मान मिलना चाहिए। हालांकि इसकी जगह उन्हें किताब चोर बना दिया गया।
आजम खान ने कहा है कि जौहर यूनीवर्सिटी के छात्रों के लिए उन्होंने दुनिया भर से किताबें एकत्र की थी। इस नेक काम के एवज में उन्हे भारत रत्न के सम्मान से नवाजा जाना चाहिए था, मगर उनकी पहचान आज ‘किताब चोर’ की बना दी गई है। मदर्स डे के मौके पर जौहर यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए आजम ने कहा कि पूरी दुनिया से किताबें चुराकर लाया था, इसके लिए उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए था। बल्कि इसके उलट उन्हें किताबों का चोर बनाकर मुल्जिम बना दिया गया। इस पर भी न मेरा इरादा बदला है और न ही रास्ता। हमने अभी हिम्मत नहीं हारी है।
जौहर यूनीवर्सिटी के बाहर पुलिस का टेंट
आजम खान को हाल ही में हुए उपचुनाव में न सिर्फ स्वार की सीट खोनी पड़ी है, बल्कि शहर नगर पालिका की सीट गंवानी पड़ी है। दोहरी करारी हार मिलने के बाद भी उनका हौसला कम नहीं हुआ है। जब से यूनिवर्सिटी अस्तित्व में आई है तब से लेकर आज तक, यूनिवर्सिटी, स्टाफ, हमारे और छात्रों के खिलाफ कहीं एक रिपोर्ट भी नहीं है। ऐसा होने के बावजूद दुनिया की यह इकलौती यूनिवर्सिटी की मिसाल है, जहां गेट पर पुलिस का टेंट लगा हुआ है।
किताब चोरी कर पढ़ने वाले बने कामयाब
उन्होंने कहा जो किताबें पूरी दुनिया से इकट्ठी की गईं थीं, उन्हीं का चोर बनाकर मुझे मुल्जिम बना दिया गया। पूरी दुनिया से किताबों की चोरी करके लाया था, इसके लिए तो मुझे भारत रत्न देना चाहिए था। किताबें चोरी करके पढ़ने वाले साइंटिस्ट, मिसाइल मैन और कामयाब इंसान बने हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."