अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में शुक्रवार का दिन दो दर्दनाक सड़क हादसों का गवाह बना। इन हादसों में कपड़ा व्यापारी और एक मासूम बच्चे की जान चली गई। घटनाओं के बाद संबंधित परिवारों में कोहराम मच गया।
पहली घटना: कपड़ा व्यापारी की दर्दनाक मौत
गौरा थाना क्षेत्र के कतवरिया गांव के रहने वाले 55 वर्षीय अब्दुल समद उर्फ झिन्नू, जो गोपलापुर में कपड़ों की दुकान चलाते थे, सड़क पार करते समय तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आ गए। यह हादसा बेलहा-बिस्कोहर राजमार्ग पर हुआ। ट्रक की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि अब्दुल समद की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के बाद ट्रक चालक ट्रक लेकर भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन ग्रामीणों ने उसका पीछा किया और गौरा थाने के पास ट्रक को रोक लिया। इसके बाद चालक थाने में घुस गया, जहां पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
गौरा थाना प्रभारी सत्येंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि ट्रक को कब्जे में लेकर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
दूसरी घटना: स्कूली वाहन की चपेट में मासूम की मौत
दूसरी घटना रेहरा बाजार थाना क्षेत्र के धर्मपार गांव में हुई, जहां एक स्कूली वाहन की चपेट में आने से दो वर्षीय मासूम अली रजा की दर्दनाक मौत हो गई। अली रजा गांव के रहने वाले सिराज अहमद का बेटा था। हादसा तब हुआ जब वाहन बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए गांव आया हुआ था।
वाहन की टक्कर इतनी तेज थी कि अली रजा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
परिवारों में कोहराम, पुलिस कर रही जांच
इन दोनों घटनाओं के बाद मृतकों के परिवारों में चीख-पुकार मच गई। परिवारों ने न्याय की मांग की है। पुलिस ने दोनों मामलों में कार्रवाई शुरू कर दी है। ट्रक चालक को हिरासत में लेकर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है, जबकि स्कूली वाहन चालक के खिलाफ भी पुलिस जांच में जुटी है।
सड़क सुरक्षा पर सवाल
बलरामपुर जिले में हुई इन घटनाओं ने सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण लोगों की जान जा रही है। जिला प्रशासन और पुलिस को ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
इन दोनों घटनाओं ने न केवल पीड़ित परिवारों को गहरे शोक में डाल दिया है, बल्कि समाज में सड़क सुरक्षा और वाहन चालकों की जिम्मेदारी को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।