Explore

Search
Close this search box.

Search

November 23, 2024 9:19 am

लेटेस्ट न्यूज़

साइकिल इतनी रफ्तार से चली कि कमल मुरझा गया

16 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

कानपुर देहात: भाजपा ने इस बार नगर पंचायत सीट अकबरपुर (Akbarpur Nagar Panchayat Seat) जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी।  जिला मुख्यालय की सीट राजनीतिक दृष्टकोण से काफी महत्वपूर्ण है इसलिए भाजपा इसे किसी भी हाल में हासिल करना चाहती थी। इसके लिए पूर्व डिप्टी सीएम ने जनसभा की थी। साथ ही टिकट के रूठे दावेदारों को मनाने के लिए उनके घर भी गए थे। यहां राज्यमंत्री और भाजपा जिलाध्यक्ष एमएलसी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। इसी वजह से एलएलसी अकबरपुर में ही डेरा डाले रहे।

अकबरपुर नगर पंचायत से भाजपा ने निर्वतमान चेयरमैन ज्योत्सना कटियार को टिकट दिया था। हालांकि ज्योत्सना कटियार पिछली बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर चेयरमैन बनी थीं लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गई थीं। इस बार महिला सीट आरक्षित हुई तो भाजपा ने उन्हें फिर से प्रत्याशी बना दिया जबकि सामान्य वर्ग के लोगों को उम्मीद थी कि उनकी जाति से कोई उम्मीदवार होगा। पार्टी ने पिछड़ी जाति से महिला को उम्मीदवार बना दिया। इससे सामान्य वर्ग खासा नाराज था। ये नाराजगी भाजपा के लिए भारी पड़ी। वहीं भाजपा से टिकट मांग रहे ब्राम्हण, क्षत्रिय दावेदार उनके समर्थक खासे नाराज हो गए। उन्हें मनाने के लिए इनके समाज के नेताओं को लगाया गया।

रूठे उम्मीदारों को मनाने गए थे डिप्टी सीएम

अकबरपुर नगर पंचायत से ब्राम्हण समाज से शिवशकंर मिश्रा व रामजी मिश्रा अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे थे जबकि क्षत्रिय समाज से मनोज सिंह चौहान टिकट मांगे रहे थे। इनका तर्क था कि निर्वतमान चेयरमैन दलबदलू रहे हैं। उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी हैं। भ्रष्टाचार व धोखाधड़ी की एफआईआर भी दर्ज है। इससे टिकट उनके अलावा किसी और को टिकट दिए जाने की मांग भाजपा कार्यकर्ता करते रहे जिसकी अनदेखी की गई। नतीजा सबके सामने है। टिकट न मिलने से शिवशंकर मिश्रा व मनोज सिंह के पूर्व डिप्टी सीएम घर गए थे और उन्हें चुनाव में सहयोग करने के लिए मनाया था।

राज्यमंत्री और एमएलसी की लगी थी प्रतिष्ठा

भाजपा के जिलाध्यक्ष एमएलसी अविनाश सिंह चौहान ने अकबरपुर सीट पर ज्योत्सना कटियार को टिकट दिलाने से लेकर मतदान तक पूरी प्रतिष्ठा लगा दी। ज्योत्सना के पति महेंद्र कटियार बबलू अविनाश ङ्क्षसह के करीबी हैं। वहीं नव निर्वाचित चेयरमैन दीपाली सिंह के पति जितेंद्र सिंह गुड्डन भाजपा जिलाध्यक्ष के धुर विरोधी हैं। जितेंद्र सिंह भी पुराने भाजपाई हैं विधानसभा चुनाव के समय ही उन्होंने जिलाध्यक्ष से विवाद के कारण भाजपा छोड़ दी थी। बागी होकर सपा की टिकट पर पत्नी को चुनाव लड़ाया और जीत भी गए।

ज्योत्सना कटियार को टिकट दिलाने के बाद जिलाध्यक्ष एमएलसी अविनाश सिंह अकबरपुर में ही डेरा डाले रहे। पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी जनसभा व रोड शो किया। इसके अलावा कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने भी जनसंपर्क किया था। मुख्य रूप से यहां भाजपा जिलाध्यक्ष व अकबरपुर रनियां सीट से विधायक प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। राज्यमंत्री ने भी रोड शो किया था और जनसंपर्क भी किया था।

पूरी भाजपा लग गई हराने में

चुनाव परिणाम आने के बाद अकबरपुर की नव निर्वाचित चेयरमैन दीपाली सिंह के पति जितेंद्र सिंह गुड्डन ने कहा कि पूरी भाजपा उन्हें हराने में लग गई। उनके खिलाफ कई षड़य़ंत्र किए गए। मतदान से पहले रेड कार्ड जारी करवा कर घर में नजरबंद करा दिया गया ताकि वह अपने समर्थकों से मिलकर उनका हौसला न बढ़ा सकें। कहा कि सत्ताधारी दल के नेताओं ने पूरी प्रतिष्ठा लगा दी लेकिन जनता ने साथ दिया और उन्हें आइना दिखा दिया।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़