कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में निकाय चुनाव का ऐलान कर दिया है। 4 मई को निकाय चुनाव की शुरुआत हो जाएगी, जो सिर्फ दो चरणों में होगी। पहले चरण में 4 मई को वोटिंग होगी जबकि 11 मई को दूसरे चरण का मतदान होगा। हर फेज में 9 मंडलों में चुनाव होगा। वहीं वोटों की गिनती 13 मई को होगी। चुनाव के दौरान 4.27 करोड़ वोटर प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे। चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रदेश में चुनाव आचार संहिता भी लागू कर दी गई है।
रविवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में निकाय चुनावों का ऐलान किया है। इसके तहत निर्वाचन अधिकारी पहले चरण की अधिसूचना 11 अप्रैल को और दूसरे चरण की अधिसूचना 17 अप्रैल को जारी करेंगे। नामांकन पत्रों का क्रय औऱ जमा करने की तारीख पहले चरण के लिए 11 अप्रैल से 17 अप्रैल होगी। वहीं दूसरे चरण के लिए 17 अप्रैल से 24 अप्रैल तक होगी। निर्देश पत्रों की संवीक्षा पहले चरण के लिए 18 अप्रैल और दूसरे चरण के लिए 25 अप्रैल को होगी। नामंकन वापसी पहले चरण में 20 अप्रैल को और दूसरे चरण के लिए 27 अप्रैल को होगी। पहले चरण के लिए प्रतीकों का आवंटन 21 अप्रैल को किया जाएगा। दूसरे चरण के लिए प्रतीकों का आवंटन 28 अप्रैल को किया जाएगा।
चुनाव आयोग की बड़ी बातें
– 14684 पदों पर निर्वाचन कराया जाएगा।
– 17 नगर निगम में जो चुनाव कराया जाएगा, वहां ईवीएम से कराया जाएगा। नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों का चुनाव मतपेटिका से जरिए किया जाएगा।
– साल 2017 के मुकाबले इस चुनाव में मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। करीब 96 लाख 35 हजार 832 वोटर्स इस बार बढ़े हैं।
– 2017 के सापेक्ष इस बार सात निकाय बढ़े हैं। 760 निकाय इस बार हैं। 653 साल 2017 में थे।
– 2 हजार 361 मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं।
– साल 2017 के मुकाबले साल 2023 में 2024 पदों (अध्यक्ष महापौर और पार्षद) की बढ़ोतरी हुई है।
– साल 2023 में 2 लाख मतदानकर्मियों की जरूरत पड़ेगी।
– महापौर के लिए 80 वार्ड से कम 35 लाख रुपये, 80 से ज्यादा 40 लाख रुपये। नगर पालिका के लिए 9 लाख और 12 लाख। पार्षद नगर निगम के लिए 3 लाख खर्च सीमा होगी।
अतिसंवेदनशील केंद्रों का चिह्नीकरण किया जा रहा है। जिलाधिकारियों को कहा है कि संवेदनशीलता का आकलन करके सूचित करें।
543 निकायों में चुनाव
बता दें कि उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका और 543 नगर पंचायत चुनावों के लिए मतदान कराए जाएंगे। इसके अलावा तकरीबन 4 हजार पार्षद इस प्रक्रिया के तहत चुने जाएंगे। बीते दिनो उत्तर प्रदेश सरकार ने निकाय चुनावों को लेकर आरक्षण की अधिसूचना जारी की थी। इसके तहत महिलाओं के लिए 288 सीटें आरक्षित की गई हैं। इसके अलावा ओबीसी के लिए 205 सीटें, एसस के लिए 110, एसटी के लिए 2 सीटें आरक्षित की गई हैं।
ओबीसी आरक्षण को लेकर पेच फंसने के बाद ही दिसंबर 2022 में होने वाले चुनाव को अब कराया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार की ओर से जारी ओबीसी आरक्षण की अधिसूचना को खारिज कर दिया था और बिना आरक्षण ही चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। आरक्षण तय करने में प्रक्रिया का पालन न किए जाने का हवाला देकर अधिसूचना खारिज की गई थी। इसके बाद योगी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग गठित कर नए सिरे से आरक्षण के लिए सर्वे कराया और फिर अधिसूचना जारी की थी।
Author: samachar
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