दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में तपस्वी छावनी में विवाद गहरा गया है। छावनी के संत परमहंस आचार्य को निशाने पर लिए जाने का दावा किया जा रहा है। छावनी पर अधिकार की लड़ाई सतह पर आ गई है। ताजा संघर्ष में परमहंस आचार्य के शिष्य को निशाना बनाया। उन पर हमला हुआ। संत परमहंस आचार्य ने दावा किया है कि निशाना वे थे। उनके शिष्य पर हमला कर उन्हें उकसाया गया। हमलावर चाहते थे कि वे वहां आएं ताकि उन पर जानलेवा हमला कर सकें। पिछले साल तपस्वी छावनी के महंत सर्वेश्वर दास के प्राण त्यागने के बाद से तपस्वी छावनी में बर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई। तपस्वी छावनी के पूर्व पुजारी और गुजरात के रहने वाले संत की ओर से मंदिर की करोड़ों की संपत्ति पर अपना दावा किया गया। वहीं, संत परमहंस आचार्य ने खुद को महंत बनाए जाने की बात कही। उनका दावा है कि महंत सर्वेश्वर दास ने उन्हें महंत बनाया था। इसी को लेकर तपस्वी छावनी संघर्ष का केंद्र बन गया है।
तपस्वी छावनी के महंत को लेकर अयोध्या का संत समाज भी दो भागों में बंटता दिख रहा है। सोमवार की रात तपस्वी छावनी पर जमकर ईंट-पत्थर चले। परमहंस आचार्य के शिष्य पर हमला भी हुआ। इस मामले में अयोध्या कोतवाली में केस दर्ज कराया गया है। इस घटना को लेकर अभी अयोध्या के पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते दिख रहे हैं। इस मामले में ओमप्रकाश दास को आरोपी बनाया गया है। उनका अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है।
तपस्वी छावनी पर अधिकार की चल रही जंग
तपस्वी छावनी पर अधिकार को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद चल रहा है। संत परमहंस आचार्य का अपना अलग दावा है। वह कहते हैं कि मैं 2017 से ही तपस्वी छावनी का महंत हूं। वर्ष 2019 में गुरु सर्वेश्वर दास ने ट्रस्ट बनाया। उसमें भी उन्होंने लिखा कि उनके द्वारा नियुक्त उत्तराधिकारी होगा। उत्तराधिकारी ही ट्रस्ट का पदेन अध्यक्ष होगा। इस मामले में पिछले साल विवाद हुआ था। उसके बाद कोर्ट में केस चल रहा है।
संत परमहंस आचार्य का दावा है कि विपक्षियों को कोर्ट में जीत मिलती नहीं दिख रही है। इस कारण वे मुझे खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं खत्म हो गया तो मुकदमा अपने आप खत्म हो जाएगा। विरोधियों को ट्रस्ट पर अधिकार जमाने का मौका मिल जाएगा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."