Explore

Search
Close this search box.

Search

6 February 2025 10:05 am

लेटेस्ट न्यूज़

बड़ी अजीब दर्दनाक कहानी है इस लड़की नंबर 166 का जिसका सुराग 9 साल 7 माह बाद मिला

46 पाठकों ने अब तक पढा

टिक्कू आपचे की रिपोर्ट 

मुंबई के डी एन नगर पुलिस स्टेशन इलाके में 9 साल 7 माह पहले गायब हुई एक लड़की का पता लगा है। 22 जनवरी 2013 में लड़की लापता हुई थी। उस वक्त उसकी उम्र सात साल थी। बीते 4 अगस्त को वो अपने परिजनों से मिली। बता दें कि इस सफलता में मुंबई पुलिस से सेवानिवृत्ति सहायक उप-निरीक्षक राजेंद्र ढोंडू भोसले ने कड़ी मेहनत की।

गौरतलब है कि राजेंद्र ढोंडू भोसले मुंबई के डी एन नगर पुलिस स्टेशन के सहायक उप-निरीक्षक थे। अपनी नौकरी के दौरान उनके सामने 166 लापता लड़कियों का मामला आया। ये लड़कियां 2008 और 2015 के बीच लापता हुई थीं। इनकी तलाश में उन्होंने और उनकी टीम ने कड़ी मेहनत की और 166 में से 165 का पता लगाया लेकिन 166वीं लड़की का सुराग उस दौरान नहीं मिल सका था। इस लड़की को भोसले दो साल तक अपनी नौकरी के दौरान और सेवानिवृत्ति के बाद भी सात साल तक खोजने की कोशिश करते रहे।

आखिरकार यह लड़की भी 4 अगस्त 2022 को अपने परिजनों से मिल सकी। बता दें कि 4 अगस्त की रात 8.20 बजे लड़की को उसके परिवार से मिलवाया गया। सात साल की उम्र में गायब हुई लड़की 16 साल की उम्र में अपने परिजनों से मिली। वह अंधेरी (पश्चिम) में अपने घर से 500 मीटर की दूरी पर रहती थी।

इस मामले में हैरी 50 साल के जोसेफ डिसूजा को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं उसकी पत्नी सोनी को भी इसमें आरोपी बनाया गया है। उस वक्त तक दंपति की कोई संतान नहीं होने की वजह से उन्होंने कथित तौर पर लड़की का अपहरण कर लिया था।

बता दें कि लड़की को अंधेरी (पश्चिम) में एक सोसायटी में दाई के रूप में काम पर रखा गया था। वहीं जब उसके परिजन उससे मिले तो उसने तुरंत अपनी मां और चाचा को पहचान लिया। दोनों एक दूसरे से मिलकर रोने लगे।

मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार हुए डिसूजा से पूछताछ की तो उसने बताया कि लड़की को उसने स्कूल के पास घूमते हुए देखा था और खुद की संतान न होने के वजह से वो उसे अपने साथ ले गया। स्कूल के बाद जब लड़की अपने घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने डीएन नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। यह मामला तत्कालीन सहायक उप-निरीक्षक राजेंद्र ढोंडू भोसले को मिला। इस दौरान मीडिया में भी लड़की के गायब होने की खबर चलने लगी और स्थानीय लोगों ने भी लड़की को खोजने के लिए एक अभियान चलाया।

डिसूजा ने पुलिस को बताया कि इन सबसे डरकर उसने लड़की को कर्नाटक में अपने मूल स्थान रायचूर में एक छात्रावास में भेज दिया। 2016 में डिसूजा और सोनी को एक बच्चा हुआ। ऐसे में उन्होंने लड़की को कर्नाटक से वापस बुला लिया। क्योंकि वे दो बच्चों की परवरिश का खर्च नहीं उठा सकते थे, और उसे एक दाई के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया।

डी एन नगर स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक मिलिंद कुर्डे ने बताया कि डिसूजा परिवार अंधेरी (पश्चिम) के उसी गिल्बर्ट हिल इलाके में एक घर में रहने लगा, जहां लड़की मूल रूप से रहती थी। पुलिस का कहना है कि डिसूजा परिवार को अब यह यकीन हो गया था कि इतने दिनों के बाद लड़की को कोई पहचान नहीं पाएगा। डिसूजा लड़की को इलाके में किसी से बात भी नहीं करने देता था।

इस मामले में पुलिस ने डिसूजा और उनकी पत्नी के खिलाफ अपहरण, मानव तस्करी, गलत तरीके से बंधक बनाने समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़