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जबलपुरमध्य प्रदेश

दुनिया का सबसे मंहगा आम ; जानिए 2.70लाख रुपए किलो बिकने वाली आम की सुरक्षा व्यवस्था और कुछ खास बातें

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सीमा परिहार की रिपोर्ट

आम को सभी फलों में राजा कहा जाता है। आमों में भी कई वेरायटी होती है। जिसकी कीमतों में भी अंतर होता है। आप सोच रहे होंगे यह अंतर 50 से 100 रुपए किलो तक का हो सकता है। जी नहीं यहां तो लाखों का अंतर है। आपको विश्वास नहीं हो रहा होगा। बाजार में 30-40 रुपए से लेकर 100-150 तक मिलते हैं। हमारे देश में आम की एक ऐसी वैरायटी है जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2 लाख 70 हजार रुपए किलो बिकती है। आम की इस वैरायटी का नाम  मियाजाकी (miyazaki) है। यह दुनिया में सबसे महंगा आम है।

मध्य प्रदेश का जबलपुर शहर दुनिया के सबसे मंहगे आम ‘टमेगो’ को लेकर चर्चा में है। टमेगो आम दुनिया का सबसे मंहगा आम बताया जाता है। इस आम की कीमत दो लाख से ऊपर होती है। ये आम खासतौर के वातावरण में जापान जैसे देश में होता है लेकिन अब ये आम खुले वातावरण में जबलपुर के चरगंवा रोड पर स्तिथ हिनौता ग्राम में उगाया जा रहा है। संकल्प परिहार नामक किसान द्वारा लगभग 4 एकड़ के खेत में एक दर्जन से अधिक प्रजातियों के आमों की खेती की जा रही है, उन्ही आमों में टमेगो को भी लगाया गया है। पिछले कई सालों से संकल्प परिहार टमेगो को लगाने की कोशिश कर रहे थे।

2021 में टमेगो की वजह से चर्चा में रहा जबलपुर

जबलपुर शहर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हिनौता ग्राम में संकल्प परिहार अपने पूर्वजों के खेतो में तरह-तरह की खेती कर रहे हैं। कुछ साल पहले संकल्प ने जापान देश के चर्चित और मंहगे आम टमेगो के पौधों को लगाया था। 2021 में टमेगो के पौधे, पेड़ बने तो उसमें आम लगना शुरू हुआ। जून 2021 में टमेगो आम जब लोगों के सामने आया तो सभी आश्चर्य में पड़ गए। जापान जैसे देश में ग्रीन हाउस में उगाये जाने वाला दुनिया का सबसे मंहगा आम टमेगो जबलपुर में बिना किसी ग्रीन हाउस के खुले वातावरण में लगाया गया। जबलपुर के टमेगो आम की चर्चा पूरे देश में होने लगी। भारत के विभिन्न प्रांतो के लोग संकल्प परिहार से टमेगो आम के बारे चर्चा करने लगे।

दुनिया के मंहगे आम की सुरक्षा में लगे सीसीटीवी और डॉग्स 

संकल्प परिहार ने जब से दुनिया के मंहगे आम टमेगो की खेती प्रारम्भ की है और जब इस आम की कीमत लोगों को पता चली, तभी से इनकी चोरी का डर भी परिहार को सताने लगा। चोरों से बचाने के लिए संकल्प परिहार ने 9 खूंखार डॉग्स, आधा दर्जन चौकीदार और आधा दर्जन सीसीटीवी कैमरे टमेगो आम की सुरक्षा में लगा दिए हैं।

ग्लोबल वार्मिंग का असर टमेगो पर 

पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष देश में भीषण गर्मी पड़ रही है। इस भीषण गर्मी से जनजीवन भी अस्त-वयस्त हो गया है। जबलपुर में पड़ रही भीषण गर्मी ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जबलपुर में 40 से 44 डिग्री तक तापमान में तेजी देखी जा रही है। इस भीषण गर्मी का प्रभाव दुनिया के सबसे मंहगे आम टमेगो पर भी देखने को मिल रहा है। भीषण गर्मी से बचाने के लिए संकल्प परिहार ने टमेगो और मियाजाकी जैसे आमों पर ग्रीन नेट लगा रखा है ताकि आमों को भीषण गर्मी से बचाया जा सके। 

जून माह में टमेगो आएगा अपने असली स्वरूप में 

दुनिया का सबसे मंहगा आम इस भीषण में भी सरवाइव कर रहा है। तेज चिलचिलाती धूप में भी इस बार पिछले साल की अपेक्षा अधिक टमेगो आम पेड़ों पर लगे हैं। जून माह में टमेगो आम अपने मूल रूप में आएगा। टमेगो आम खाने में बहुत ही मीठा और स्वादिष्ट होता है। इस आम की खासियत ये है की इस आम में गुठली और रेशे नहीं होते हैं। एक अकेले आम का वजन एक किलो से 2 किलो तक होता है। जून माह में जब टमेगो आम अपने मूल रूप में आएगा तब इसको देखना और भी शानदार होगा। फिलहाल टमेगो आम भीषण गर्मी में अपने अस्तित्व को बचाने में लगा हुआ है।

मध्य प्रदेश हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के ज्वाइंट डायरेक्टर आर एस कटारा ने बताया कि कि इन आमों के पेड़ों को देखा है। इस पर लगने वाले आम भारत में दुलर्भ हैं। उन्होंने कहा कि ये आम महंगे इसलिए हैं, क्योंकि इनका उत्पादन बहुत कम होता है। इनका स्वाद बहुत टेस्टी होता है। यह दूसरे आमों से अलग हैं। दूसरे देशों में लोग इन्हें गिफ्ट के तौर पर देते हैं।

इस खास आम में मिठास के साथ अनानास और नारियल का हल्का सा स्वाद भी आता है। इसे एक खास तरीके से तैयार करते हैं। इसके तहत आम के पेड़ पर फल आते ही एक-एक फल को जालीदार कपड़े से बांध दिया जाता है। ये इस तरह होता है कि फल पर पूरी तरह से धूप पड़े, जबकि जाली वाले हिस्से बचे रहें। इससे आम की रंगत ही अलग होती है।

 

पकने के बाद फल जाली में ही गिरकर लटकते हैं, तब जाकर उन्हें निकाला और बेचा जाता है। पेड़ पर लगे आम को किसान नहीं तोड़ते। वे मानते हैं कि इससे फल का स्वाद और पौष्टिकता चली जाती है। यानी जापानी किसानों की नजरों से देखें तो ताईयो नो तामागो पूरी तरह से पका हुआ फल है और ऐसा है भी ये खाने में बेहद स्वादिष्ट और सुगंधित होता है।

जापानी कल्चर में इस आम को खास मान्यता मिली हुई है। वहां लोग इसे तोहफे में देना ज्यादा पसंद करते हैं। क्योंकि ये सूरज की रोशनी में तैयार होता है। माना जाता है कि इससे तोहफा पाने वाले की किस्मत सूरज जैसी ही रोशन हो जाती है। यही कारण है कि जापान में त्योहार या खास मौकों पर ये आम भी दिया जाता है। लेकिन लेने वाले इसे खाते नहीं, बल्कि किसी तरीके से संरक्षित करके सजा देते हैं।

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samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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